भारत को प्रथम क्रमांक पर लाने के लिए नवोत्थान करना होगा

DSC01538DSC01552अजमेर 26 नवम्बर। विश्व में भारत को प्रथम क्रमांक पर लाने के लिए भारत की युवा शक्ति को मिलकर नवोत्थान का दौर प्रारम्भ करना ही होगा। ये आव्हान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबोले ने मोइनिया इस्लामिया विद्यालय के प्रांगण में आयोजित युवा समागम में व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि 125 करोड़ भारतीयों के सबसे बड़े लोकतंात्रिक देश जिसका 5000 वर्ष पूर्व पुराना गौरवशाली इतिहास रहा, जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। उस पर आज क्यों गरीब, पिछड़ा, भ्रष्ट देश का लेबल क्यों लगता है, यह चिन्तन का विषय है।
भारत का केवल गौरवशाली प्राचीन इतिहास ही नहीं रहा है, वरन् आज भी भारत ने अपनी उपलब्धियों का लोहा मनवाया है। देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों की भारतीयों पर निर्भरता, दूसरे देश के उपग्रहों को भारत के अंतरिक्षयान से छोड़ना, मंगल पर अल्प खर्चे पर सटीकता से यान भेजना, दूध, चाय, अन्न व अन्य खनिज संसाधनों में देश में प्रमुख स्थान होना आदि ये भारत का एक दूसरा चित्र प्रस्तुत करता है। हिन्दू अपने स्वत्व को भूलने अपने संस्कारों मूल्यों को विस्मरण करने के कारण आज हम उस स्थान को प्राप्त नहीं कर पाए है, जिसके हम योग्य है।
उन्होने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् का उद्घोष करने वाला व्यक्ति अपने समाज को ही परिवार नहीं मानता इसी से जाति भेद, असभ्यता जैसी बुराईयाँ दिखाई देती है। हम दूसरों के कारण नहीं पिछड़े, गुलाम नहीं हुए बल्कि अपनी कमजोरियों के कारण हुए। हिन्दू जीवन पद्धति में सभी में ईश्वर का दर्शन करने, पर्यावरण की रक्षा करने का भाव रहा है। यहाँ हरिशचंद सत्य के लिए, श्रीराम वचन की रक्षा के लिए, महावीर आत्म ज्ञान के लिए सब कुछ त्याग देते है। हमारे जीवन मूल्य हमारी ताकत है, विश्व इसलिए भारत की आरे समाधान की दृष्टि से देख रहा है, उन्हें महसूस हुआ है कि सुख डॉलर में नहीं है, भारत की धरती में इसका बीज है।
उन्होने उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमीकरण एवं आधुनिकीकरण पर्यायवाची नहीं है, जो कुछ पश्चिम का है, वहीं आधुनिक है, इस तरह की धारणा हमें त्यागनी होगी। हमें अपनी संस्कृति को आधार बनाकर आधुनिक बनने की ओर कार्य करना होगा। उन्होने कहा कि देश छोटी चीजों से बड़ा होता है, समय पालन और अनुशासन जैसी छोटी-छोटी बातों से ही जापान जैसे छोटे देश बड़े कहलाते है। यदि जापान कर सकता है तो हम क्यों नहीं, इस पर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। केवल सरकार या कानून के ठीक होने से देश ठीक नहीं हो सकता। देश महान् उसके संगठित स्वाभिमानी समाज से बनता है। कोई भी देय अपने अतीत में प्रेरणा लेकर ही खड़ा हो सकता है, बिना स्वाभिमान के पुस्वार्थ नहीं हो सकता।
उन्होने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर, देश की परम्पराओं में प्रेरणा लेकर सम्भल ले कि देश व समाज के प्रति कर्तव्य भाव से अपना जीवन जियेगें। उन्होने कहा कि अपने केरियर की चिन्ता में राष्ट्र नहीं भूलें। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पिछले 90 वर्षो से जाति, भाषा, पंत से ऊपर आकर जीवन के हर मौके में समाज का संगठन कर राष्ट्र निर्माण में लगा है। संघ जैसे हर प्रयास का स्वागत एवं समर्थन करता है जो राष्ट्र के हित में हो।
युवा समागम में मंच पर दत्तात्रेय जी होसबोले के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विभाग संघ चालक श्री बसंत विजयवर्गीय, महानकर संघचालक श्री सुनील दत्त जैन, महानगर सहसंघचालक श्री जगदीश राणा उपस्थित थे। युवा समागम में शहर के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों कें लगभग 1500 युवकों ने सहभाग लिया।
(सुनील दत्त जैन)
महानगर संघचालक
मो. 9829147270
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