राष्ट्रीय बीज वितरण एवं कृषक महोत्सव में किसानों की भारी भीड़

DSC_2003DSC_2162अजमेर। तीन दिवसीय किसान मेले का उद्घाटन विभिन्न गणमान्य अतिथियों के उपस्थिति में प्रो. सांवर लाल जी जाट, माननीय राज्य मंत्री, जल संसाधन एवं गंगा सफाई अभियान, भारत सरकार के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. एस. एम. क.े नकवी, निदेषक केन्द्रीय भेड एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, डॉ. एस. एस. सिंधू, अध्यक्ष, पुष्प विज्ञान विभाग, पूसा संस्थान नई दिल्ली, डॉ. आर. एस. दहिया, निदेषक आई.एच.आई.टी.सी., जयपुर, श्री दिलीप पचार प्रधान, पिसांगन पंचायत समिति व डॉ बलराज सिंह जी, निदेषक रा.बी.म.अनु.के. अजमेर भी उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र के मसय पंडाल में राजस्थान, मध्य प्रदेष, हरियाणा आदि प्रदेषों से लगभग 2500 किसान मौजूद थे।
उद्घाटन सत्र के समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. संवार लाल जाट ने किसानों को लाभप्रद बीजीय मसालों की खेती के द्वारा देष के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में सक्रिय योगदान प्रदान करने का आवाहन किया साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के विषेष तैार पर सिंचाई जल के समुचित उपयोग पर भी बल दिया तथा उन्होनें जल संरक्षण एवं दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को भी किसान भाईयों के समक्ष रखा। इन्होनें हरित क्रांति व श्वेत क्रांति की भी चर्चा की किसान की क्रय शक्ति को भी बढ़ाने की चर्चा इन्होंने की, फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिलने के विषय पर भी उन्होंने विस्तार से चर्चा की, इस साल वर्षा की कमी पर चिन्ता जताते हुए बताया कि राजस्थान में पानी की बहुत कमी है अतः कम पानी से अधिक फसल उत्पादन के लिए अनुसंधान किया जाना चाहिए। इन्होनें बताया कि फसलोत्पादन में लागत मूल्य अधिक होने से किसानों को कम लाभ प्राप्त हो रहा है अतः कम लागत से अधिक उत्पादन के लिए भी अनुसंधान की आवष्यकता है। उन्होनें वर्तमान परिपेक्ष में जैविक खेती के साथ-साथ मसालों के निर्यात में वृद्धि के प्रयास पर जोर दिया एवं कार्यक्रम की सफलता की कामना की तथा उन्होनें इस संस्थान द्वारा किये जा रहे अनुसंधान कार्यों की प्रषंसा की। श्री दिलीप पचार, प्रधान, पीसंागन पंचायत समिति ने क्षेत्रीय कृषको के सब्जी, फूल एवं दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त बीजीय मसाला फसलों विषेषकर धनिया, मेथी एवं जीरे की फसल को फायदेमन्द बताया तथा इस संस्थान पर किये जा रहे कार्याें की भूरी-भूरी प्रषंसा की। इस अवसर पर केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर के निदेषक डॉ. एस.एम.के. नक्कवी ने भी अपने विचार व्यक्त किये जिसमें भेड़ पालन को भी अपने व्यवसाय में सम्मिलित करने की बात कही।
आई.एच.आई.टी.सी. की निदेषक, डॉ. आर.एस. दहिया, महोदया ने इस संस्थान द्वारा किये जा रहे अनुसंधान प्रषंसा की। प्रगतिषील किसानों को इस अवसर पर पुस्तिका एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत किसानों की समस्याओं का निस्तारण विभिन्न विषय विषेषज्ञों द्वारा किया गया।
संस्थान के निदेषक डॉ. बलराज सिंह जी ने आये हुए सभी किसान भाइयों कृषक महिलाओं, कृषि महाविद्यालय के छात्रों एवं कृषि संबंधित अधिकारियों व कर्मचारी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय बीज वितरण एवं कृषक महोत्सव में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदष्ेा, उत्तर प्रदेष, महाराष्ट्र, हरियाणा एवं देष के अन्य क्षेत्रों से आये लगभग 2000 किसानों से यह अपील की गयी कि वे मसाला फसलों की नवीनतम् उत्पादन तकनीकियों एवं संस्थान द्वारा विकसित गुणवत्ता बीजों का उपयोग कर अधिकाधिक व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन एवं प्रसंस्करण के द्वारा मूल्य संवर्धन से अच्छे उत्पादों को बाजार में जनोपयोग एवं निर्यात हेतु उपलब्ध करायेगें। इन तीन दिनों मे गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पादन में सम्पूर्ण देष में कार्यरत विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के 25-30 प्रर्दषनी स्टालों के माध्यम से किसानांे को आधुनिक फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा, फसल गुणवत्ता, फसल संवर्धन एवं खेती-बाड़ी से जुडी सभी उपयोगी वस्तुओं/पदार्थो की बिक्री हेतु इस मेले में उपलब्ध कराये जा रहे है। विभिन्न बीजीय मसालों के अधिक उपज एवं गुणवत्ता युक्त बीजों जैसे धनिया में अजमेर धनिया-1 प्रजाति जो कि राजस्थान की एकमात्र लौंगिया रोग प्रतिरोधी किस्म इस संस्थान द्वारा विकसित प्रजाति के साथ अजमेर मेथी-3 तथा अन्य मसालों के बीज विक्रय हेतु मेले में सर्वाधिक किसान सुदूर क्षेत्रों से अजमेर आये हैं। जैव नियंत्रक उत्पादों जैसे ट्राइकोडर्मा, बावेरिया, मेटाराइजियम एवं नीम कीटनाषी साबुन के साथ-साथ पी.एस.बी. जैव उर्वरक उत्पाद भी किसानों को उपलब्ध कराये गये। डॉ. बलराज सिंह, निदेषक ने पिछले तीन वर्षो में संस्थान द्वारा किये जा रहे अनुसंधान एवं विकास कार्यो को मंत्री महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया। दो दिनों के स्थान पर तीन दिनों के वर्ष में दो बार किसान मेलों का अयोजन, बीज वितरण, गुणवत्ता युक्त बीजों का कृषक सहभागिता के द्वारा बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन, सम्मिलित था। इस संस्थान द्वारा दोहरी उपयोगिता युक्त, धनिया की किस्म अजमेर धनिया-1, अजमेर अजवायन-93, अजमेर कलौंजी किस्म-20 एवं औषधिय गुण युक्त अजमेर मेथी-4 का राज्य स्तर पर विमोचन, गैर मौसमी धनिया एवं मेथी उगाने की तकनीकों, रोपाई विधि द्वारा सौंफ, अजवायन, सोवा, विलायती सौंफ के बूंद-बूंद सिंचाई के अन्तर्गत उत्पादन, कम दाब सिंचाई विधि, छायाजाल एवं प्राकृतिक रंगो के छायाजाल में दो स्तरीय फसल उत्पादन, मुण्डवा जिला नागौर में पान मेथी के सुखाने की उत्तम विधि का प्रदर्षन, जैविक खेती एवं उत्तम कृषि विधियों द्वारा मेथी, धनिया आदि का उत्पादन मसालों में अन्तर सस्यता की विधियॉँ एवं लाभ, उच्च फसल गुणवत्ता, कम कीटनाशक अवषेषों की मात्रा कृषक सहभागिता द्वारा बीज उत्पादन इत्यादि को संक्षेप में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिको द्वारा लिखित तीन पुस्तकों (स्मारिका-व्यवसायिक कृषि के परिप्रेक्ष्य में मसाला फसलों का योगदान; बीजीय मसालों के रोग एवं प्रबंधन; मृदा स्वास्थ्य पुनरूत्थान पर एक ई-पुस्तिका), फोल्डर (कृषकों के लिए बीजीय मसालों से संबंधित जानकारियॉँ), तथा केन्द्र द्वारा उत्पादित जैव नियंत्रक-(पी.एस.पी.) का विमोचन भी मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों द्वारा किया गया।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से आये वैज्ञानिक डॉ. एस.एस. सिन्धु, अध्यक्ष पुष्प विज्ञान विभाग द्वारा इस क्षेत्र में फूलों के उत्पादन विषेषकर पुष्कर में उत्पादित गुलाब फूलों के अधिक एवं गुणवत्ता युक्त उत्पादन विधियों की चर्चा की। इन्होनें पुष्कर क्षेत्र का दौरा कर फूल उत्पादक कृषकों को उचित सलाह दी। डॉ. बी. एस. तोमर, प्रधान वैज्ञानिक बीज उत्पादन, पूसा संस्थान नई दिल्ली ने तकनीकी सत्रों में बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी की विस्तृत परिचर्चा किसानो के साथ की। इस संस्थान द्वारा विकसित धनिया की किस्म अजमेर धनिया-1 के बीजों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न राज्यो से किसान इस मेले में आये है।
इस मेले का प्रमुख आकर्षण किसानो की समस्याओं का विषय विषेषज्ञों, अनुभवी वैज्ञानिकों के द्वारा तुरन्त समाधान प्रस्तुत करना है साथ ही साथ विषेष तौर पर आयोजित किसान प्रषिक्षण कार्यक्रम तथा किसान संगोष्ठी के माध्यम से कृषक भाइयों को अत्याधुनिक वैज्ञानिक कृषि तकनीको की जानकारी दी जायेगी। इस मेले का आयोजन राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनु.केन्द्र तबीजी, अजमेर, भारतीय बीजीय मसाला समिति एवं व्यावसायिक कृषि प्रबंधन सेवा (पी. ए. एम. एस.) के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह के अन्त में केन्द्र के निदेषक महोदय द्वारा माननीय अतिथियों, कृषक बन्धुओं, वैज्ञानिकों, स्टाल आयोजकांे, प्रेस विभिन्न संबंधित कृषि विभागों एवं प्रत्येक कार्यकर्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष, डॉ. बलराज सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. जी. लाल, समन्वयक डॉ. आर. एस. मेहता एवं उप समन्वयक डॉ. आर.के. कांकाणी, डॉ. आर. सिंह एवं डॉ. पी. एन. दुबे भी उपस्थित थे।

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