पाराशर व अग्रवाल ने बताया कि भारतीय गैर न्यायिक स्टाम्प की दर यकायक 5 गुणा बढा कर सरकार द्वारा आम जनता को स्टाम्प ड्यूटी के नाम पर लूटा जा रहा है । सरकार द्वारा स्टाम्प ड्यूटी बढाने से जहां शपथ पत्र पर 10 रुपये से बढा कर 50 रुपये तथा साधारण इकरारनामे की स्टाम्प ड्यूटी 100 से 500 रुपये तथा गोदनामें पर 300 से 1000 रुपये कर दी गई तथा प्रत्येक 100 रुपये पर 10 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी बढा दी गई । इसके साथ ही तमाम विभिन्न विधिक प्रक्रियाओं में काम में आने वाले स्टाम्प की दरों में भारी वृद्धि कर दी गई वहीं दूसरी ओर 10 व 20 रुपये के स्टाम्प स्टाम्प वेण्डरों के पास से नदारद ही हो गये हैं जिसके कारण आम जनता को मजबूरी में भारी रकम अदा कर मंहगे स्टाम्प खरीदने पर मजबूर होना पड रहा है । जहां पूर्ववर्ती सरकार के समय साधारण शपथ पत्रों को स्टाम्प के बजाये सादे कागजों पर स्वयं प्रमाणित कर प्रस्तुत करने की छूट दी गई थी उसके विपरीत इस सरकार द्वारा जो कदम स्टाम्प अधिनियम व राजस्थान वित्त अधिनियम 2016 के अनुच्छेदों व स्तम्भो में संशोधन कर प्रतिस्थापित किये गये है उससे आम जनता सरकार के स्टाम्प राशि के तले दब गई है । वहीं गरीब लाचार किसान आम जनता, छात्र छात्राएं जिन्हें विभिन्न छोटे छोटे कार्यों में पूर्व में साधारण कागज पर शपथ पत्र देने की छूट दी गई थी उन्हें पहले इस सरकार के समय में 10 रुपये के स्टाम्प पर कर दिया गया फिर 10 रुपये से बढा कर सीधे ही 50 रुपये की राशि कर दी गई और अन्य समस्त स्टाम्प ड्यूटी बढा कर जनता को आर्थिक बोझ के तले लाद देने का काम इस सरकार द्वारा किया जा रहा है जिस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री महोदया को पत्र लिख कर गुहार लगाई है कि सरकार द्वारा बढाई गई स्टाम्प ड्यूटी पुनः कानून में संशोधन कर उसे वापिस लेवे अन्यथा जनता सरकार द्वारा बढाई गई स्टाम्प ड्यूटी का जवाब अपने वोट के माध्यम से भाजपा सरकार को देगी ।
पाराशर व अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे स्वयं एक सामान्य नागरिक की भांति विभिन्न तहसीलों, कलेक्टर परिसर व न्यायालय परिसरों में स्टाम्प विक्रेताओं के समीप जाकर गरीब जनता के द्वारा इस बढी हुई दरांे पर स्टाम्प खरीदने की वस्तुस्थिति व हालात जाने तो उन्हें पता चलेगा कि कई गरीब बिना स्टाम्प खरीदे पैसे नहीं होने के कारण व बढी हुई स्टाम्प दरों से अंजान होने से बेरंग लौट जाते हैं और कई लोग अपने आवश्यक काम इस बढी हुई स्टाम्प दरों के चक्कर में कर ही नहीं पाते हैं ऐसे में मुख्यमंत्री से जमीनी धरातल की हकीकत व राजस्थान की गरीब जनता पर रहम कर बढी हुई स्टाम्प पदों को कानून में संशोधन कर वापिस लेने की मांग की है ।
