धर्मनीति पर चलने वालों के आंच नहीं आती: मीणा

श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला मण्डल द्वारा आयोजित दस दिवसीय शिविर सम्पन्न
बच्चों ने दी रंगारंग संास्कृतिक प्रस्तुतियंा

devendra mahila mandal-1 (6)devendra mahila mandal-1 (2)उदयपुर 5 जून। श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला मण्डल द्वारा आयोजित दस दिवसीय शिविर धार्मिक नैतिक संस्कार निर्माण शिविर आज देवेन्द्र धाम में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि ग्राीण विधायक फूलसिंह मीणा थे। इस अवसर पर श्रमण संघीय प्रवर्तक राजेन्द्र मुनि, महासती कमलेश आदि ठाणा-3 का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। समापन समारोह में बच्चों ने रंगारंग संास्कृतिक मनोहारी प्रस्तुतियंा दी।
इस पर बच्चों ने ‘जैनम जयती शासनम्,वन्दे जिनेनद्रम, सच्चे जिनेनद्रम..’, ‘जहंा सत्य, अहिंसा,ज्ञान, शील की बहती है निर्मल धारा,वो जैन धर्म है मेरा..’ सहित बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर पृथ्वी का भविष्य कल, आज, कल पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जिसमें यह दिखानें का प्रयास किया कि प्रदुषण, जनसंख्या एवं बढ़ते वैश्वीकरण के कारण इसका क्या भविष्य होगा। इसे कैसे रोका जाएं। इस नाटिका को दर्शकों ने भरपूर सराहा। स्वच्छ भारत, मेरा भारत पर भी बच्चों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि कलियुग में यह हमारा सौभाग्य है कि हमें सन्तों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। धर्मनीति पर चलने वालों के आंच नहीं आती है। सन्तों द्वारा दिये जाने वाले उपदेशों का प्रतिदिन स्मरण करते रहना चाहिये। पाश्चात्य संस्कृति ने कई प्रकार की विसंगतियां पैदा कर दी हैं जिससे बच्चों में नैतिक विकास अवरूद्ध होता जा रहा है इसलिए ऐसे शिविरों की महत्ती आवश्यकता है जो धर्ममय संस्कारों से बच्चों का नैतिक उत्कर्ष कर सके। शिविर एक प्रयोगशाला है। शिविरों से बच्चों में संस्कार का उदय होता है।
शिविर में धार्मिक संस्कार सीखने वाले नन्हें-नन्हें बच्चों ने जब णमोकार महामंत्र,जैन धर्म के सभी 24 तीर्थंकरों के नाम, 16 सतियों,11 गणधरों के नाम, इच्छा कारणम पाठ, 10 सूत्रीय करण,लोगस का पाठ,करेमि भन्ते, भक्तामर स्त्रोत एवं णमोत्थुणम के पाठ का वाचन किया तो उपस्थित सैकड़ों दर्शक आश्चर्यचकित रह गये।
प्रारम्भ में अध्यक्ष डॉ. सुधा भण्डारी ने कहा कि मण्डल द्वारा अब तक 14 शिविर लगाकर 2 हजार से अधिक बच्चों को धर्म से जोड़ चुके है। बदलते परिवेश,आचार-विचार में परिवर्तन, संस्कार विहिन होते बच्चों को पुनरूधर्म से जोडने के लिए इस प्रकार के शिविरों के आयोजन की जरूरत महसूस हुई।
शिविर के दौरान योग सीखने वाले बच्चों ने समापन समारोह में योगा का प्रदर्शन किया। समारोह में अतिथि के रूप में इन्दरसिंह मेहता, रंजना मेहता,गणेशलाल गोखरू,भुवाणा सरपंच संगीता चित्तौड़ा, सापेटिया सरपंच आशा बड़ाला, अनिल चित्तौड़ा,कवि प्रकाश नागौरी वीरेन्द्र डंागी,अबांलाल नवलखा भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मंत्री ममता रांका विगत वर्ष की रिपोर्ट प्रस्तुत की। शिविर में निर्मला बड़ाला, रूपी बाई आंचलिया,तरूणा सामर, कोषाध्यक्ष इन्द्रा चोरडिया, संध्या नाहर,अनिता भण्डारी,विनिता पामेचा ने सेवायें दी।

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