तुलसी सेवा संस्थान

डिलक्स पेपर इण्डस्ट्रीज, पुरानी मण्डी, अजमेर
गुरू पूर्णिमा महोत्सव – किरीट भाई ने दिये प्रवचन

अजमेर। अपनी संतान को सम्पत्ति नहीं संस्कार दो। लक्ष्मी चंचल है आती है जाती है यदि संस्कार हैं तो आपके बच्चे सदैव आपको, समाज को, राष्ट्र को गौरान्वित करेंगे। यह उद्गार तुलसी सेवा ससंस्थान के गुरू पूर्णिमा उत्सव में प्रातः जवाहर रंगमंच में ब्रह्मऋषि परम पूज्य किरीट भाई जी ने अपार जनसमूह को अपने आषीर्वचन में कहे और धर्म पर बोलते हुए कहा कि जिस धर्म में सत्य की विचारधारा न हो वो धर्म कैसे हो सकता है? सत्य ही धर्म है, सत्य ही परमात्मा का स्वरूप है। आचार्य श्री ने धर्मयुक्त जीवन जीने की सलाह दी उन्होंने कहा कि जीवन में प्रत्येक कर्म पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। कर्म एवं व्यवहार शुद्ध रखो अगर घर में अषुद्ध धन आया तो रोग, दोष, कलह, अनिंदा का कारण बनेगा। गौ सेवा पर उन्होंने विषेष आग्रह करते हुए कहा कि यथा शक्ति गौ सेवा करो। श्रीमद् भगवत गीता पर बोलते हुए कहा कि गीता मृत्यु उपरान्त सुनाने वाला ग्रन्थ नहीं ये तो जीना सिखाती है। इसका वाचन, श्रवण मनन तो जीवन काल में ही करना चाहिये, मृत्यु को प्राप्त हुये व्यक्तियों के कल्याण के लिये भगवान कृष्ण ने इसकी उत्पत्ति नहीं की। यह तो जीवन जीने की कला सिखाती है, हारे थके, डिप्रेषन के षिकार, निराष व्यक्तियों में नवचेतना का संचार कर कर्मयोग का सिद्धान्त देती है अतः जीवन की प्रत्येक अवस्था में गीता जी उपयोगी एवं सार्थक है।
एक साधक का प्रष्न की शास्त्रों में महिलाओं को यज्ञ करने की अनुमति नहीं है पर बोलते हुये कहा कि नारी तो स्वयं नारायणी है। महिलायें धर्म, कर्म, वचन एवं निष्ठा से अपना परिवार का पोषण करती है तो उन्हें कुछ और करने की आवष्यकता ही नहीं है। अपने परिवार के लिये बनाये गये भोजन का प्रत्येक ग्रास आहूती है। प्रत्येक कर्म आहूति तो है फिर और किस यज्ञ की आवष्यकता ही नहीं रह जाती। तुलसी परिवार के उमेष गर्ग ने बताया कि गुरू पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर ब्रह्मर्षी किरीट भाई जी के पधारने पर संस्था अध्यक्ष ओमप्रकाष जी मंगल, नरेन्द्र खण्डेलवाल, संयोजक किषनचन्द बंसल, सचिव डॉ. विष्णु चौधरी ने माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम मं आषीर्वचन के अतिरिक्त ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक किया गया एवं प्रष्नोत्तरी कार्यक्रम में साधकों की शंकाओं का समाधान किया। उपरोक्त अवसर पर किरीट भाई ने ब्रह्म संबंध (मंत्र दीक्षा) भी प्रदान की एवं साधकों ने पादुका पूजन कर अपने गुरू के प्रति श्रद्धा प्रकट की। उपरोक्त कार्यक्रम का संचालन किषनचन्द बंसल एवं डॉ. विष्णु चौधरी ने किया। सभी साधकों की आवास एवं प्रसादी व्यवस्था का संचालन दिनेष परनामी, द्वारका प्रसाद मंगल, सुखदेव जी वर्मा ने किया, कार्यक्रम स्थल पर पंडाल एवं मंच व्यवस्था राजेन्द्र अग्रवाल एवं अषोक टांक ने की। आचार्यश्री के निवास की व्यवस्था दिनेषचन्द शर्मा ने की। समारोह में शंकरलाल बंसल, सीताराम मंत्री, घनष्याम अग्रवाल, भोलेष्वर भट्ट, कैलाष खण्डेलवाल, सीताराम मंगल, विनीत कृष्ण पारीक, श्याम सुन्दर बंसल, सत्यनारायण बिन्दल, कृष्णकान्त शाह, विरेन्द्र, महेन्द्र जैन, विष्णुप्रकाष गर्ग, उमेष गर्ग सहित अनेक रसिक श्रद्धालु उपस्थित थे।
वृक्षारोपण एवं गौ सेवा कार्यक्रम 21 जुलाई को – तुलसी परिवार के विष्णु प्रकाष गर्ग एवं उमेष गर्ग ने बताया कि परम पूज्य किरीट भाई जी के 54वें अवतरण दिवस पर सीता गऊषाला प्रांगण में गौसेवा प्रातः 10 से 11 एवं प्रातः 11 से 12 बजे तक अपना घर मूक बधिर विद्यालय कोटडा में 54 वृक्ष रोपित किये जायेंगे। सभी गुरू भक्त, वैष्णव जन, गौसेवक एवं प्रकृति प्रेमी, रसीक जनों से कार्यक्रम में पधारने की अपील की गई है। वृक्षरोपण में ग्रीन आर्मी संस्थान अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करेगा।

भवदीय

(उमेष गर्ग)
9829793705

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