श्रीमति गांधी मौजूदा परिपेक्ष्य मे भी प्रासंगिक

indira-gandhiअजमेर 19 नवम्बर। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन का कहना है कि इन्दिरा गांधी ने भारतीय राजनीति के अलावा विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी अपना विलक्षण प्रभाव छोड़ा। इसी कारण उन्हें लौह महिला के नाम से भी संबोधित किया जाता है इसलिये श्रीमति गांधी मौजूदा परिपेक्ष्य मे भी प्रासंगिक है। आपातकाल उनका एक कठोर निर्णय था बाद में कांग्रेस को इसका नुकसान भी हुआ, लैकिन इस निर्णय ने देष को विकास के नये आयाम दिये, मगर नोटबंदी का निर्णय अघोषित आपातकाल होते हुऐ देष की की विकास दर के लिये खतरा साबित हुआ है।
शहर कांगेस ने रवीवार को देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का 100वां जन्मदिन जन्म शताबदी वर्ष के रूप में मनाया स्टेषन रोड स्थित इन्दिरा गांधी स्मारक पर पुष्पांजलि कार्यक्रम के बाद कांग्रेसजनों को सम्बोधित करते हुऐ कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि आपातकाल इन्दिरा गांधी का सबसे कठौर निर्णय था और बाद में उन्हें इसके नाकारात्मक नुकसान उठाने पढ़े मगर इसमें कोई संदेह नहीं कि आपातकाल जनता के जीवन में अनुशासन लाया, आर्थिक विकास हुआ, महंगाई पर अंकुश लगा, पहली बार व्यापार घाटा लाभ में बदला, विकास पर खर्च बढ़ा और कर चोरी और तस्करी के खिलाफ कार्रवाई हुई।
जैन ने कहा कि पाकिस्तान अपने जन्म से ही भारत से नफरत करता है। आजादी के तुरंत बाद उसने कश्मीर में घुसपैट कराई। 1965 में उसने भारत से सीधा युद्ध कर मुंह की खाई। जुल्म व ज्यादती से तंग लाखों बंगलादेशी नागरिक शरणार्थी के रूप में भारत आ रहे थे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बांग्लदेश के नागरिकों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप किया और बंगलादेष को आजादी प्राप्त हुई।
इस अवसर पर कांग्रेसी नेताओं में नसीम अख्तर इंसाफ, महेन्द्र सिंह रलावता, डा. गोपाल बाहेती, हेमंत भाटी ने भी सम्बोधित करते हुऐ नोटबंदी पर कहा कि इंदिरा गांधी ने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि देश बर्बाद हो जाएगा। मोदी को कालेधन वालों से प्यार है इसलिए ऐसा किया। इंदिरा ने बैंकों का पैसा जनता को दिया। मोदी ने जनता का पैसा बैंकों को दिया। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी का नाम लेते ही भुजाएं फड़कने लगती हैं। कुछ मत कहो देश का नक्शा देख लो। नक्शे में कहीं बंग्लादेश दिखेगा। यह उनकी देन थी। इंदिरा गांधी ने देश का भूगोल बनाया। उन्होंने कहा कि मोदी सर्जीकल स्ट्राइक में अपनी तारीफ करने लगे, इंदिरा के समय में तो सेना ने हजारों किलोमीटर घुसकर तिरंगा लहराया था।
प्रताप यादव, विजय नागौरा, गिरधर तेजवानी,आरिफ हुसैन, सुनील केन, वैभव जैन, महेष भाटी, प्रेम राज सोलंकी, संजय यादव, घनश्याम शर्मा, भूपेंद्र राणावत, आनंद सुहिवाल, कमल गंगवाल, नीरज यादव, नौरत गुर्जर, गंगाराम तंवर, मंजू बलाई, हुमायूं खान, हरिप्रसाद दिवाकर, सजंय मौयर्, महेश भाटी, गुलाम मुस्तफा, अंकुर त्याग,ी विपिन बेसिल, मनीष सेठी, सागर मीणा, दीनदयाल शर्मा, हेमंत जोधा, सर्वेश पारीक, शैलेंद्र अग्रवाल, बलराम शर्मा, महेंद्र धानका, अब्दुल रशीद, बालमुकुंद, मनोज कोटिया, मनोज कंजर, सबा खान, शिवराज भढ़ाना, श्रवण टोनी, अभिलाषा विश्नोई, प्रमिला कौशिक, महेश हांकला, अतुल महेश्वरी, चंदन सिंह, कैलाश कोमल, हरिप्रसाद जाटव, चंद्रप्रकाश काकू, रेखा पिंगोलिया, पिंटू बोहरा, ईश्वर राजोरिया, मनोज खंडेलवाल, पूर्ण सिंह राठौड,़ महेंद्र तवर, ओमप्रकाश महावर, राजकुमार गर्ग, तोसीफ खान, सहित सैकड़ो कांग्रेसजन मौजूद थे।

error: Content is protected !!