54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम परिक्रमा का 16 दिन बाद विश्राम

पौष मास में जगमगा उठे सहस्त्रों दीप, मानों आ गई दिवाली

Untitledअजमेर 15 जनवरी। पौष मास में सहस्त्र दीप जगमगा उठे मानों दीपावली आ गई हो, राम नाम के जयकारे लगने लगे। मौका था अयोध्या नगरी में 31 दिसंबर से चल रही 54 अरब हस्तलिखित श्रीराम नाम परिक्रमा के विश्राम का। सोमवार शाम भव्य महाआरती के साथ परिक्रमा का विश्राम हुआ। 16 दिनों के दौरान हजारों रामभक्तों ने परिक्रमा रूपी आहूतियां दीं, संतों के प्रवचनों और सुंदरकांड पाठ का श्रवण किया।
पूर्णाहूति यज्ञ में उमडा अपार जनसमूह
परिक्रमा विश्राम के मौके पर अयोध्या नगरी में सुबह 9 बजे पूर्णाहूति यज्ञ का आयोजन किया गया। इस यज्ञ में बडी संख्या में धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं ने आहुतियां अर्पित की। माता बहनों ने मंगल गीत गाए। राम नाम परिक्रमा का मौका फिर मिले इसके लिए राम नाम महामंत्रों का आह्वान किया। पूर्णाहूति के यजमान रमेश चन्द्र अग्रवाल, अखिलेश गोयल, पूनम मारोठिया, भारती श्रीवास्तव, नितीन शर्मा, राजेश सोनी, इचरज देवी और कुणाल जैन रहे।
देशभक्ति के रंग में रंगे रामभक्त
परिक्रमा महोत्सव यूं तो पूर्णरूप से धार्मिक आयोजन रहा लेकिन अंतिम दिन माहौल देशभक्ति से भर गया। केशव माधव संकीर्तन मंडल ने राष्ट्र की सुरक्षा में तैनात सजग प्रहरियों की हौसला अफजाई के लिए 45 मिनट तक रामधुनी श्री राम जय जय राम का महाजप की विशेष प्रस्तुति दी। इस दौरान रामभक्त पूरी तरह देशभक्ति के रंग में रंग गए। सभी ने देश के वीर जवानों की सलामती के लिए राम जप करके भगवान राम के चरणों में वंदन किया।
महाप्रसादी का लिया आनंद, बंटी तुलसी माला,
श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा महोत्सव के विश्राम पर दीपकों की जगमग के साथ भव्य महाआरती हुई। उत्साहित माता बहने आरती की थाली घर से सजाकर लाईं। महाआरती के बाद समस्त रामभक्तों ने प्रसादी का आनंद लिया। परिक्रमा विश्राम पर महामंत्रों की पूर्णाहुति में सिद्ध श्रीगोवर्धन वृंदावन से मंगवाई गई तुलसी माला का वितरण किया गया।
राम के जीवन चरित्र को जीवन को उतारें रू सुनील दत्त
राम नाम परिक्रमा महोत्सव समिति के संयोजक सुनील दत्त जैन ने सभी रामभक्तों को भरोसा दिलाया कि जिस तरह रामभक्तों का स्नेह और सहयोग मिला वह अजमेर के इतिहास में मिसाल की तरह जाना जाएगा। राम नाम परिक्रमा 16 दिन चलने के बाद भी ऐसा लग रहा है कि भक्तों की प्यास बुझी नहीं है। सब चाहते हैं कि चार पांच दिन तो परिक्रमा आयोजन को बढाया जाए। हम सबकी भावनाओं को सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि जब से यह सृष्टि है तबसे राम हैं, घट घट में राम हैं, इस देश की मिटटी के कण कण में राम हैं। भारत की पावन भूमि पर जन्म से जीवन यात्रा पूर्ण करने तक के संस्कार राम से शुरू होते हैं। खुशी में राम, दुख में राम, मिलन में राम और बिछुडने पर राम इस संस्कृति में का मूल है। राम नाम के स्मरण मात्र से समस्त दुख खत्म हो जाते हैं। राम के जीवन चरित्र को जीवन को उतारें। राम की भक्ति मात्र से कल्याण नहीं होने वाला, राम की शक्ति और शौर्य को भी अपनाना होगा। मेरे अंदर राम है, इसी तरह सभी जीवों में राम हैं इस भाव को धारण करें। भक्ति और शक्ति की अनूठी संस्कति के मिलन से यह देश भरा हुआ है।
पीडित की सेवा करना भी यज्ञ समान रू प्रज्ञानन्द महाराज
भगवान के नाम ने कितने लोगों का इस संसार से उद्धार किया इसकी गिनती कोई नहीं कर सकता। खुद भगवान भी नहीं बता सकते कि उनके नाम से कितने जीव भवसागर से पार हो गए। ये बात प्रवचन सत्र में बद्रीकाश्रम पीठ के जगदगुरू शंकराचार्य श्रीस्वरूपानन्द महाराज के कृपा पात्र शिष्य स्वामी प्रज्ञानन्द महाराज ने प्रवचन करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि इस अयोध्या नगरी में तो प्रभु राम की कृपा नहीं बल्कि अतिकृपा बरस रही है, प्रभु नाम के दर्शन और परिक्रमा का एक साथ मौका मिल रहा है। इस तरह के सत्संग में आने का अर्थ है कि हम परमात्मा की तरफ बढ रहे हैं। तुलसी दास ने तो यहां तक कहा कि प्रभु राम को हीज भजों या खीज कल्याण हो जाता है। वाल्मीकि प्रभु के नाम का उल्टा जप मरा मरा करते हुए ब्रह्मज्ञानी हो गए।
भगवान कृपा सिंधु हैं, कल्याण कारी हैं, परम कृपालु हैं। वे जीवों पर कृपा करने का कोई न कोई कारण ढूंढ लेते हैं। वे चेतना में परम चेतना भर देते हैं। जीवन में जागृति का अभाव होगा तो ईश्वर को नहीं जान सकते। इसके लिए संतों की संगत करें, सदगुरु ही सत्य का ज्ञान कराते हैं। सत्य को पहचानने की दृष्टि प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि यज्ञ के अनेक स्वरूप होते हैं। सिर्फ आहूति देना ही यज्ञ नहीं होता। भूखे को भोजन कराना भी यज्ञ है। पीडित की सेवा करना भी यज्ञ है। भक्ति करने से विवेक जागृत हो जाता है। राम का आचरण और चरित्र हमारे आचरण में आए, हम उसे अंगीकार करें तब सत्संग का असल आनंद आएगा। हमेशा इस बात को ध्यान में रखें परमात्मा राजा है तो हम राजकुमार हैं।
परिक्रमा के विश्राम पर विश्राम कहां, उमडा अपार जनसमूह
परिक्रमा विश्राम के दिन सोमवार को परिक्रमा के लिए हजारों की संख्या में देर शाम तक रामभक्तों और गणमान्यजनों ने शिरकत की। कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह रलावता, बजरंग दल प्रांत सह संयोजक रामेश्वर लाल धाकड ने भी परिक्रमा कर पुण्य लाभ लिया। परिक्रमा विश्राम होने से रामभक्त बहुत उदास हो गए बिना विश्राम किए परिक्रमा में लीन रहे। सभी चाहते थे परिक्रमा करने का अवसर कुछ दिन और मिले।

परिक्रमा में इनकी रही भूमिका, रामभक्तों की तरफ से सम्मान
समापन अवसर पर अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मंचासीन संत और अतिथियों ने परिक्रमा में सहयोग करने वाले समिति के समस्त पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और यजमानों का सम्मान किया। परिक्रमा में महत्वपूर्ण भूमिका श्रीमानस सेवा मंगल न्यास और श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक अजमेर की रही। इससे जुडे पूरण सिंह चौहान, विक्रम सिंह चौहान, राम नाम बैंक के संस्थापक बालकृष्ण पुरोहित, लक्ष्मण पंडित, प्रबंधक रामसिंह चौहान, राजेन्द्र सैनी, रामदेव गुर्जर, ब्रह्मप्रकाश शर्मा, रामगोपाल विजयवर्गीय, विकास खटाणा को संतश्री का आशीर्वाद मिला।
समाजसेवियों को परिक्रमा से जोडने का पुनीत कार्य करने के लिए मोहन खंडेलवाल, परिक्रमा आयोजन में विशेष योगदान के लिए उमेश गर्ग, मीडिया प्रमुख विजय सिंह मौर्य, विनीत लोहिया, उदघोषिका वृतिका शर्मा और दीपिका शर्मा, टेंट व्यवस्था व चित्रकला प्रतियोगिता में विशेष सहयोग के लिए सुरेश शर्मा, आयोजन स्थल की कार्यालय व्यवस्था के लिए सुरेन्द्र बंसल, प्रतिदिन सुंदरकांड पाठ की व्यवस्था के लिए शिवरतन वैष्णव, नृसिंग बंजारा, गोपाल वैष्णव, देवीलाल जांगिड, लायंस क्लब उमंग के ललित अग्रवाल, अशोक टांक, महेन्द्र जैन मित्तल, कार्यालय व्यवस्था तथा नियमित सेवा देने के लिए लोकमन गोयल व सुरेन्द्र बंसल को सम्मानित किया गया।
परिक्रमा स्थल पर विशाल पांडाल व लाइट व्यवस्था के लिए बाबू सिंह पंवार, अमरसिंह पिंटू, राजू, जलसेवा के लिए झरनेश्वर सेवा समिति, पूजा सामग्री की व्यवस्था के लिए शैलेद्र सतरावला, राम बनों और चित्रकला प्रतियोगिता के प्रायोजक पवित्र कोठारी व लायंस क्लब उमंग के अनिल गर्ग, ह्यून राइट आर्गनाइजेशन के राजकुमार गर्ग, नगर निगम की सेवाओं के लिए महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, अय्याज का बहुमान किया गया।
प्रतिदिन मंच की व्यवस्था करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रेम केवलरामानी व हरि चंदनानी, साउंड सर्विस के कार्यकर्ता देवेश व कुणाल यादव, तुलसी सेवा संस्थान के सहयोगी कैलाश अग्रवाल, सीताराम मंगल, सर्वेश्वर अग्रवाल, तुलसी जयंती समारोह समिति के सत्यनारायण सिंहल व प्रदीप शर्मा, महाआरती कराने वाले पंडित संतोष अचार्य व सहयोगियों को भी सम्मान मिला।
चिकित्सा विभाग से परिक्रमा स्थल पर सेवा देने वाले नर्सिग स्टाफ अंजुलिता पॉल व ज्ञाना सेन, राम चाय के जरिए प्रतिदिन सेवा करने के लिए लायंस क्लब अजमेर उमंग के ललित अग्रवाल, तुलसी सेवा संस्थान के ओमप्रकाश मंगल, ह्यूनराइट आर्गनाइजेशन के अशोक टांक व कचोरी प्रसाद वितरण के लिए केशव पीठ संस्थान, गायत्री परिवार के वीरेन्द्र शर्मा, निशुल्क आयुर्वेद सेवाएं देने के लिए कालेडा परिवार के कालीचरण खंडेलवाल, सांयकालील सांस्कृतिक गतिविधियां के सफलतापूर्वक संचालन के लिए ललित शर्मा व नरेन्द्र जैन, पुष्कर और पुलिस लाइन कार्यालय से रामनाम महामंत्रों को लाने व पहुंचाने का अतिविशिष्ट सेवा कार्य करने के लिए हेमंत तायल, परिक्रमा स्थल की सुरक्षा और देखभाल करने के लिए गिरीश व सहयोगियों के अलावा 16 दिन पदवेश व्यवस्था के लिए गोपाल, लक्ष्मण व लोकेश को रामभक्तों की तरफ से सम्मानित किया गया।
प्रतिदिन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए महेश मूलचंदानी व देवा के अलावा परिक्रमा स्थल पर सेवा देने वाले विहिप एवं बजरंग दल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता लेखराज सिंह राठौड, शशि प्रकाश इंदोरिया, पंडित किशन, कैलाश भाटी, भीमदत्त शुक्ला, आषुतोष शर्मा, सोहनलाल लाल बारूपाल, आदेश ग्रुप के सहयोगी कार्यकर्ता मोनू सेन, गोपाल, महेन्द्र कुमार, प्रकाश सैनी, मनीष के अलावा परिक्रमा महोत्सव से संबधित प्रिंटिंग कार्य के लिए जमालुद्दीन को मंच के जरिए सम्मान मिला।

विजय मौर्य
प्रचार प्रमुख
श्रीराम नाम महामंत्र परिक्रमा समारोह समिति
मो. 9887907277

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