आओ नव-नीड़ सजाएं (नवसंवत्सर विशेष)

नवसंवत्सर ने छेड़ी तान, नया है विहान, नया है विहान। हिंदू नववर्ष मंगलमय, हर्ष-उत्कर्ष की हो बयार। वर्ष प्रतिपदा से हर भारतवासी को हो प्यार।। सच्चे, नेक-भलाई के इरादे हों, मन में हो न ईर्ष्या, कटु विचार। खुद भी जिएं और दूसरों को भी जीने दें, संयमित हो हर व्यवहार।। सत्य-पथ के साथी बनें, निंदा-बैर … Read more

बढ़ती बीमारियों के बीच स्वास्थ्य-क्रांति की अपेक्षा

विश्व स्वास्थ्य दिवस- 7 अप्र्रैल, 2024 हर वर्ष दुनिया के लोगों की उन्नत स्वास्थ्य की अपेक्षा के साथ 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है। दुनिया भर में लोगों को प्रभावित करने वाले एक विशिष्ट स्वास्थ्य मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना इसका ध्येय है। यह सामूहिक कार्रवाई, शिक्षा और … Read more

नकली दवाओं से जीवन-रक्षा पर बढ़ते खतरे

दवाओं में मिलावट एवं नकली दवाओं का व्यापार ऐसा कुत्सित एवं अमानवीय कृत है जिससे मानव जीवन खतरे में हैं। विडम्बना है कि दवा बनाने वाली कंपनियों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण का कोई नियम नहीं है और स्वयं कंपनियां ही अपनी दवाओं की गुणवत्ता का सत्यापन करती हैं। यह ठीक नहीं और ऐसे समय तो … Read more

*पता कैसे लगता है कौन डरकर भाजपा में आया*

*कार्यकर्ताओं को बहला गए शाह* *■ओम माथुर ■* गृहमंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह की इस बात से कौन सहमत होगा कि जो लोग डर -भागकर भाजपा में आ रहे हैं,उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। वह भाजपा नेताओं की जगह नहीं ले सकते। लेकिन पहले विधानसभा चुनाव और अब लोकसभा चुनावों में … Read more

आसान नहीं है भागीरथ चौधरी की राह

*खुद की गृह विधानसभा से तीसरे नंबर पर रहने वाले को दूसरी विधानसभा से कैसे और क्यों मिलेगी जीत* *मोदी की लहर चल रही है तो फिर रातों रात कांग्रेस ज्वॉइन करने वालों को टिकिट क्यों?* बांदनवाड़ा (डॉ.मनोज आहूजा ) दोस्तों देश की सबसे बड़ी संसद लोकसभा के चुनावों की रणभेरी बज चुकी है,देश में … Read more

बेरोजगार युवा नये भारत की ताकत कैसे होंगे?

दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत में युवा- बेरोजगारी की दुखद तस्वीर चिन्तनीय है। भारत को युवा-शक्ति का देश कहा जाता है, युवाओं की संख्या, क्षमता और ऊर्जा को देश की ताकत के तौर पर पेश किया जाता और उन्हें विकास का वाहक बताया जाता है, बावजूद इसके अब अगर देश … Read more

*कांग्रेस:ना सूत ना कपास, जुलाहे से लट्ठमलठा*

-ना योजना है, ना कार्ययोजना, तीन साल से जिला इकाइयों का पुनर्गठन भी नहीं हुआ -दोनों दलों के रणबांकुरे हो गए हैं तैयार -उम्मीदवार और नेता-कार्यकर्ता बाजुओं का कितना दम दिखा पाते हैं, यह मैदान-ए-जंग में पता चल जाएगा ✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर। 👉’’ना सूत ना कपास, जुलाहे से लट्ठमलठा’’, यह स्थिति कमोबेश कांग्रेस की है। … Read more

ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध विराम की जरूरत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को, ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध और मानवीय पीड़ा पर विराम लगाने के लिए, तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और तमाम बन्धकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई की मांग करने वाला एक नया प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह प्रस्ताव, 11 मार्च को शुरू हुए रमजान के महीने की … Read more

चुनाव में भाषा का संयम एवं वचनों की मर्यादा जरूरी

लोकसभा चुनावों जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, कई नेताओं की ज़ुबान फिसलती जा रही है, वे राजनीति से इतर नेताओं की निजी ज़िंदगियों में तांक-झांक वाले, धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाले ऐसे बोल बोल रहे हैं, जो न सिर्फ़ आपत्तिजनक हैं, बल्कि राष्ट्र-तोड़क है। चुनावी रैलियों में जनता के सामने अपने प्रतिद्वंद्वी को नीचा … Read more

प्रभु भक्ति सत्य एकता सच्चाई और सद्दभाव की निरंकुश आततायी और असहिष्णु राज्य शक्ति पर जीत का पर्व होली

हमारे मुल्क के अंदर पर्व मनाने के पीछे तर्क यही है कि जिंदगी को एक उत्सव के रूप में जिया जाये, जीवन का हर पल सुखमय और आनंदमय हो | प्रतेयक पर्वों का धार्मिक सामजिक और वैज्ञानिक महत्व होता है | होली के पर्व का सामाजिक पहलू भी है क्योंकि होली का पर्व परिवार, आस-पडोस,समाज, … Read more

खुशहाल समाजों की रैंकिंग से भारत भ्रमित न हो

143 देशों के विश्व खुशहाली रैकिंग में भारत 126वें स्थान पर रहा है जिसमें फिनलैंड ने लगातार छठीं बार सर्वोच्च स्थान पाया है। यह बात भी गौर करने की है कि भारत में दस अंकों का सुधार हुआ है, फिर भी भारत के लिये आश्चर्यकारी एवं विचारणीय है। फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुशहाल देश … Read more

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