अजमेर जिला लघु उद्योग संघ के चुनाव 25 अप्रैल की रात को हरिभाऊ उपाध्याय नगर (विस्तार) योजना में बने उद्योग भवन में हंगामे के बीच संपन्न हुए। चुनाव को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई गई, वह न तो पारदर्शी थी और न ही सुव्यवस्थित। इसीलिए मतदान की प्रक्रिया देर रात तक चलती रही। पहले जिस तरह ऐन वक्त पर सदस्यता शुल्क वसूला गया तथा फिर उद्यमी के किसी भी प्रतिनिधि को वोट देने का जो अधिकार दिया गया, वह पूरी तरह से असंवैधानिक था। कुछ बड़े उद्यमियों ने संघ पर अपना कब्जा बनाए रखने के लिए अनेक उद्यमियों का बकाया शुल्क एक साथ जमा करवा दिया और अपने प्रभाव से भी निर्णय करवाया कि सदस्यता शुल्क की रसीद दिखाकर संबंधित उद्यमी का प्रतिनिधि वोट डाल सकता है। हालांकि वोट डालने का अधिकार औद्योगिक इकाई के मालिक को ही होना चाहिए, लेकिन जिस तरह शुल्क जमा करा कर रसीद अपने कब्जे में कर ली गई उससे चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार ने अपने पहचान वालों और फैक्ट्री के नौकरों को रसीद थमा कर वोट डलवा दिए। चूंकि मतदान की पहले से कोई तैयारी नहीं की गई, इसलिए रात 9 बजे तो फोटो स्टेट करवाकर मतपत्र तैयार करवाए गए। जब मतदान शुरू हुआ तो कई बार हंगामा होता रहा। देर रात तक चले मतदान के बाद परिणाम भी आधी रात को घोषित किया गया। इस परिणाम में अध्यक्ष पद पर पंकज सिंघल ने सुगमचंद गहलोत, उपाध्यक्ष पद के लिए विजय भूतड़ा ने संजीव अग्रवाल तथा सचिव पद पर राजेश शर्मा ने गिरीश बाशानी को हराया, जबकि अंकित फतेहपुरिया सहसचिव और गौरव बाहेती कोषाध्यक्ष के पद पर निर्विरोध चुने गए। यह पहला अवसर रहा जब लघु उद्यमियों के चुनाव में इतना संघर्ष देखा गया। हालांकि इस चुनाव में निर्वाचन अधिकारी सुरेन्द्र लोढ़ा का पूरा पैनल विजयी रहा, लेकिन लघु उद्यमियों ने उम्मीद जताई है कि इस बार की चुनाव की स्थिति को देखते हुए छोटे लघु उद्यमियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। संघ के पदाधिकारी, राजनेताओं और बड़े प्रशासनिक अधिकारयों से संबंध बनाने के बजाए उद्यमियों को सरकार से मिलने वाली रियायतों को दिलवाएंगे तथा बिजली, पानी, श्रम, उद्योग, रिको, वाणिज्य कर विभाग आदि से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी करवाएंगे। चुनाव की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने की उम्मीद भी जताई गई है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in) M-09829071511