अजमेर नगर निगम के साठ वार्डो में चुनाव के लिए भाजपा में सुरेन्द्र सिंह शेखावत और धर्मेन्द्र गहलोत को ध्यान में रखकर ही उम्मीदवारों का चयन हुआ है। गहलोत और शेखावत मेयर के प्रबल दावेदार है। गहलोत ने उत्तर क्षेत्र के 28 और शेखावत ने दक्षिण क्षेत्र के 32 वार्डो की कमान संभाल रखी है। उत्तर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी की ओर से गहलोत और दक्षिण की विधायक अनिता भदेल की ओर से शेखावत को मेयर का दावेदार माना जा रहा है। चुनाव के बाद जब पार्षद मेयर चुनेंगे तो दोनों ही नेता अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। जिस नेता के समर्थन में ज्यादा पार्षद होंगे उसे मेयर बनाया जा सकता है। ऐसे में देवनानी और भदेल ने अपने-अपने क्षेत्र में गहलोत ओर शेखावत को ध्यान में रखकर ही भाजपा उम्मीदवारों का चयन किया है। इस बात का ख्यायल रखा गया है कि चुनाव जीतने के बाद कोई पार्षद उत्तर से दक्षिण व दक्षिण से उत्तर में न चला जाए। इसलिए दोनों विधायकों ने अपने-अपने मेयर को उम्मीदवार तय करने में खुली छूट दी है। गहलोत माली जाति के है इसलिए दक्षिण क्षेत्र में माली उम्मीदवारों से परहेज किया गया है। इसी प्रकार शेखावत की राजपूत जाति को ध्यान में रखते हुए उत्तर क्षेत्र में कोशिश की गई है कि राजपूत को उम्मीदवार बनाया जाए। दक्षिण में माली और उत्तर में राजपूत उम्मीदवार हुए तो इसे दोनों की मजबूरी ही माना जाएगा। मेयर के पद पर शेखावत की दावेदारी को ज्यादा मजबूत माना जा रहा है, क्योंकि इस बार मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए है जबकि गहलोत ओबीसी वर्ग में है। हो सकता है कि दोनों की खींचतान में किसी तीसरे की लॉटरी खुल जाए।
कांग्रेस भी देगी चुनौती :
भले ही भाजपा के नता नगर निगम पर अपना कब्जा मानकर चल रहे हो, लेकिन कांग्रेस भी चुनाव में भाजपा को चुनौती देगी। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने अजमेर के सभी कांग्रेसियों को खुश करने का काम किया है। कांग्रेस के प्रमुख नेता महेन्द्र सिंह रलावता, डॉ.श्रीगोपाल बाहेती, डॉ.राजकुमार जयपाल, हेमन्त भाटी, ललित भाटी आदि की सिफारिशों से उम्मीदवार बनाए है। जिन नेताओं की सिफारिश से उम्मीदवार बनाए है उन्हीं पर जीत की जिम्मेदारी भी डाली है।
(एस.पी. मित्तल)M-09829071511