ब्यावर। कांग्रेस में प्रतिपक्ष नेता द्वारा पद से इस्तीफा देने के बाद जहां पार्षदों में दो फाड़ नजर आने लगे है। वहीं भाजपा में लंबे समय से चली आ रही दूरियां मिटती नजर आ रही है। शहर में सत्ता और संगठन में बंटी भाजपा मंगलवार को एक मंच पर दिखाई दी। इससे भाजपा को तो मजबूती मिलेगी ही, साथ ही गुटबाजी में बंटे कार्यकर्ता फिर एकसाथ नजर आएंगें।
सत्ता और संगठन की दूरियों को मिटाने की शुरूआत 21 दिसंबर 2015 को पहली बार नजर आई। यहां एसडी कॉलेज में आयोजित छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में विधायक शंकरसिंह रावत सहित संगठन के पवन जैन और संघ के क्षमाशील गुप्त को अतिथि के रुप में बुलाया गया। विधायक रावत कार्यालय का उद्घाटन कर वापस लौट रहे थे कि जैन और गुप्त को आते देख बीच राह में रुक गए। गुप्त और जैन का तिलक अभिनंदन के बाद रावत ने उनसे कुछ पल अकेले में गुफ्तगू की। इसके बाद वापस लौटे तो रावत और जैन आपस में हाथ थामे आगे बढ़ते नजर आए। 25 दिसंबर को एक बार फिर संगठन के युवा पदाधिकारियों ने वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर रावत को अपने कार्यक्रम का अतिथि बनाया। यह बात अलग थी कि रावत कुछ आवश्यक कार्य होने की बात कहते हुए उपस्थित नहीं हुए।
मंगलवार शहर भाजपा के लिए खुशियों भरा रहा। विधायक शंकरसिंह रावत के जन्मदिन पर सत्ता और संगठन एक साथ नजर आए। एक समय तक आपस में दूरियां रखने वाले शहर के दो च्शंकरज् एयर कांटेक्ट से संपर्क में दिखे। पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा ने चलित दूरभाष से विधायक रावत को जन्मदिवस की बधाई दी। गौशाला में विधायक रावत के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में संगठन के जिला देहांत अध्यक्ष बीपी सारस्वत, मुरली तिलोकानी, पवन जैन, रमेश बंसल, कैलाश मंूदड़ा, मनीष बुरड़ सहित कई भाजपाई ने शिरकत की और फूलों की माला में एक साथ नजर आए। जो एक आश्चर्य से कम नहीं था।
खैर देर आए, दूरस्त आए। लेकिन अब विधायक रावत को भी चाहिए कि सत्ता व संगठन में बैठते तालमेल को लयबद्ध करें और पार्टी से निष्कासित कार्यकर्ता को फिर भाजपा की मुख्य धारा में जोडऩे का प्रयास करें। ताकि भूतकाल में बटी नजर आई भाजपा भविष्य में एक मजबूती से उभर कर शहर में अपना वर्चस्व कायम कर सके।
-अमित सारस्वत, ब्यावर