आज माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में गुलाब कोठारी केस में दिए गए निर्णय की पालना रिपोर्ट न्यायालय में पेश किए जाने के आदेश थे जिसकी पालना में कोई भी अधिकारी न्यायालय में उपस्तिथ नही हुआ न ही कोई प्रगति रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गई जिस पर न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ओर संगीत लोढ़ा की खंड पीठ ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि पालना रिपोर्ट न्यायालय में पेश नहीं किया जाना बहुत गलत है और लगता है कि अधिकारी आदेश को बहुत हल्के में ले रहे है , अदालत ने अगली पेशी में 29-5-2017 को मुख्य सचिव , प्रमुख शाशन सचिव udh, विकास प्राधिकरण जोधपुर ,जयपुर , अजमेर के आयुक्त, नगर निगम उदयपुर के आयुक्त सहित सभी को व्यक्तिगत उपस्तिथ होकर प्रगति से अवगत कराने के आदेश दिए , माननीय उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि उस दिन अधिकारी उपस्तिथ नही होते है ओर प्रगति रिपोर्ट नही पेश की जाती है तो इसको बहुत गंभीरता से लिया जाएगा
माननीय उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि जयपुर के मास्टर प्लान में किये जा रहे परिवर्तन और सरकार द्वारा जारी किये जा रहे सर्कुलर भी गलत है जिसमे नियम विरुद्ध निर्माणों को नियमित किया जा रहा है और अगले आदेश तक इस प्रकार के सभी सर्कुलर पर रोक लगा दी है
आखिर न्यायालय के इतने सख्त आदेशो के बावजूद भी जब अधिकारी नही मानते है तो क्या होगा , क्या माननीय उच्च न्यायालय ने ये आदेश जनता के हित में नही दिए है , यदि ये आदेश जनता की भलाई ओर अच्छे भविष्य के लिए है तो सरकारों को इनकी पालना क्यों नही करनी चाहिए , क्यों ऐसा होता है कि हर जनहित से जुड़े मुद्दों पर न्यायालयों को ही हस्तक्षेप करना पड़ता है जबकि ये कार्य सरकार का है जो जनता के बीच से चुनी जाती है , माना जनता को इन सब से थोड़ी तकलीफ होगी मगर एक अच्छे भविष्य के लिए वर्तमान को थोड़ी कुर्बानी देनी भी पड़े तो बेहिचक दे देनी चाहिए
देखना है कि एक अच्छे भविष्य के लिए सरकार कदम उठाती है या फिर हमेशा की तरह वर्तमान को बचाते हुए भविष्य की कुर्बानी दी जाती है
विनीत जैन
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