कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में मिली कामयाबी

फाॅयसागर रोड़ स्थित निजी जनाना अस्पताल में होना था गर्भपात, मुकदमा दर्ज कर होगी कार्रवाई

नवीन वैष्णव
नवीन वैष्णव
सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लाख प्रयास कर रही है लेकिन सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। रविवार को ही अजमेर शहर में एक विवाहिता के गर्भ में पल रही मासूम बच्ची को फाॅयसागर रोड़ स्थित निजी प्रसूति गृह किरण नर्सिंग होम में जन्म से पहले ही मौत के घाट उतारा जाना था। इसकी जानकारी मुझे किसी खास सूत्र ने दी। मैंने इसे गंभीरता से लेते हुए सीनियर आईएएस एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक नवीन जैन को सुबह 9 बजे इस गौरखधंधे की जानकारी दी।
आईएएस जैन ने भी इसे गंभीरता से लिया और स्थानीय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ के के सोनी, आरसीएचओ डाॅ रामलाल चैधरी के नेतृत्व में एक टीम किरण नर्सिंग होम पर भेजी। जहां पर पहले से ही मैंने हमारे न्यूज 21 के कैमरामेन शैलेन्द्र कुमार केवट उर्फ सोनू को तैनात कर रखा था। टीम ने भी जाते ही अच्छे से जांच की और सामने आया कि रामगंज निवासी विवाहिता को बिना एंट्री किए रात्रि ढाई बजे से अस्पताल में भर्ती कर रखा था। जब पूछा गया तो अस्पताल प्रबंधन आनाकानी करने लगा। आपको बता दें कि उक्त महिला के पहले से एक बच्ची है और अजमेर के ही एक जांच केन्द्र ने उसकी सोनोग्राफी करके गर्भ में बच्ची होने की जानकारी दी थी। विवाहिता के परिजनों ने किरण नर्सिंग होम प्रबंधन से सांठ-गांठ कर बच्ची को गर्भ में ही मरवाने का प्रयास किया। चिकित्सा विभाग की टीम ने सारी जांच की जिसमें अनियमितता भी उजागर हुई। आईएएस नवीन जैन ने कहा कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन को पाबंद कर दिया गया है साथ ही इसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी जिससे कि भविष्य में इस तरह का घिनौना काम कोई नहीं कर सके। उन्होंने जांच केन्द्र के खिलाफ भी कार्रवाई करवाने की बात कही है। जैन ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पहले है ढ़ाई साल की बेटी
चिकित्साधिकारियों के मुताबिक विवाहिता पहले तो बार बार अपने बयान बदलती रही लेकिन बाद में उसने पूछताछ में बताया कि उसके पहले से ढ़ाई साल की बेटी है और वर्तमान में 21 सप्ताह का गर्भ है। जांच करवाई तो सामने आया कि गर्भ में पल रहा भ्रूण भी कन्या का है। ऐसे में उन्हें दुसरी बेटी नहीं चाहिए थी और यही कारण था कि उन्होंने इस घिनौने काम के बारे में सोचा। इसका खुलासा होने के बाद विवाहिता व उनके परिजन भी ग्लानि प्रकट कर रहे हैं।
पीसीपीएनडीटी टीम भी पहुंची
सूचना मिलते ही पीसीपीएनडीटी टीम भी वहां पर पहुंची और उन्होंने भी विवाहिता व अस्पताल प्रबंधन के बयान दर्ज किए। उक्त टीम ने भी जांच शुरू कर दी है। अस्पताल में दवाओं के संबंध में तो कोई अनियमितता नहीं है इसकी जांच के लिए एडीसी ईश्वर यादव भी पहुंचे। उन्होंने भी गहनता से जांच की लेकिन यादव ने कहा कि ऐसी कोई भी प्रतिबंधित दवा अस्पताल से बरामद नहीं हुई है।
शहर में चल रहा है गौरखधंधा
शहर में अभी भी कई जांच केन्द्र लिंग जांच में सक्रिय है जहां पर मोटी करम लेकर इस तरह के घिनौने काम किए जा रहे हैं। आईएएस नवीन जैन ने कहा कि इस तरह के जांच केन्द्रों पर पैनी नजर रखकर कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग की अपील
महिला आयोग ने भी मामले में प्रसंज्ञान लिया है। स्थानीय महिला आयोग की सदस्य वनीता जैमन ने चिकित्सा विभाग की त्वरित कार्रवाई के लिए उनकी सराहना की है साथ ही उन्होंने विवाहिता से मिलकर उसके बयान लेने की बात भी कही। जैमन ने महिलाओं से अपील की है कि वह परिवार के दबाव में आकर इस तरह का कदम नहीं उठाएं। बच्चा और बच्ची तो भगवान की देन है। ऐसे में वह परिजनों के इस घिनौने काम में साथ ना दें और महिला आयोग को शिकायत दें।
बेटा-बेटी एक समान
सभी लोगों से मेरा निवेदन है कि बेटा-बेटी सब एक समान है। बेटे की चाहत में गर्भ में पल रही बच्ची की बलि ना दें। हो सकता है जिस बच्ची की आप बली देना चाह रहे हैं वही बच्ची भविष्य में आपका ऐसा नाम रोशन कर दे कि आप खुद कहें कि इतना तो बेटा भी नहीं कर सकता। इस तरह के उदाहरण पूर्व में मेरे सामने भी आए हैं। कई अधिकारी व आमजन भी ऐसे हैं जिनके दो बेटियां है और उसके बाद उन्होंने तीसरी संतान के बारे में सोचा तक भी नहीं। अधिकांश दो बेटियों वाले अपनी संतानों से खुश है और उन्हें बेटे की चाहत तक नहीं है।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
9252958987
navinvaishnav5.blogspot.com

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