रंगमंच साहित्य संस्कृति और संस्कारों को संप्रेषित करने का सशक्त माध्यम

विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ गोष्टी का आयोजन

अजमेर। रंगमंच समाज को साहित्य संस्कृति और संस्कारों को संप्रेषित करने का सशक्त माध्यम है रंगमंच ही वह सशक्त माध्यम है जो हमारी संस्कृति और संस्कारों के साथ विभिन्न विधाओं हास्य-व्यंग्य आदि से बौद्धिक समृद्धि का पोषण करने में मजबूत माध्यम सिद्ध होता है। यह विचार भाजपा कला एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और अजमेर कलाकार संघ के अध्यक्ष गोपाल बंजारा ने विश्व रंगमंच दिवस पर आयोजित गोष्ठी में व्यक्त किए ।महावीर सर्किल के पास आयोजित गोष्ठी में अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए बंजारा ने कहा कि रंगमंच को सजीव बनाते कलाकार ही एक ऐसा करेक्टर होता है जो समाज में स्थापित साहित्य संस्कृति और संस्कारों को समृद्ध बनाते हुए प्रकृति के साथ अपनी थाती को आत्मसात करने का मंत्र फूंकने का संवाहक सिद्ध होते हैं कलाकार अपने आप को भुलाकर रंगमंच पर लोगों के लिए जीने की अभिव्यक्ति अभिनित करता है बंजारा ने आगे कहा कि रंगमंच को सजीवता प्रदान करते हुए सिर्फ दर्शकों की बात से अपने आप को स्तुत करता है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी कृष्णगोपाल पाराशर ने कहा कि संचार के बढ़ते साधनों के बाद भी रंगमंच की महत्वता कम नहीं हुई है बल्कि उसने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं संगोष्ठी को वरिष्ठ रंगकर्मी गोपाल शर्मा त्रिलोक शर्मा महेश वैष्णव विजय गोयल तीरथ गुजरिया किरण शर्मा कोमल वासवानी हेमंत शर्मा ज्योति शर्मा शिखा शर्मा धर्मराज यादव देवी लाल जांगिड़ राजेश पंवार योग बाला वैष्णव राजेश शर्मा श्रवण कुमार सुरेंद्र कुमार नरसिंह और वरिष्ठ गायक शमीम मंजर सहित अनेक ने संबोधित किया और रंगमंच के विभिन्न विधियों पर प्रकाश डाला।
नही मिलती आर्थिक सहायता –
संगोष्ठी में आए सभी कलाकारों ने राज्य और केंद्र सरकार की ओर से कलाकारों को आर्थिक सहायता नहीं मिलने पर पीड़ा जाहिर की सभी ने कहा कि कलाकार इस विधा को जारी रखे इसके लिए सरकार को कलाकारों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने चाहिए।
रिहर्सल के लिए मिले स्थान –
संगोष्ठी में अजमेर कलाकार संघ के कलाकारों ने रिहर्सल के लिए जगह नहीं मिलने पर दुख व्यक्त किया कलाकारों ने कहा कि जिला प्रशासन से कई बार कलाकारों को रिहर्सल के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिए गए हैं लेकिन कलाकारों को केवल आश्वासन मिला है। रिहर्सल के लिए जगह आज तक नहीं उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने जिला प्रशासन से शीघ्र ही असल के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की है।

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