सुनवाई का अधिकार अधिनियम एक अगस्त से लागू होगा

अजमेर। सुनवाई का अधिकार विधेयक 2012 आगामी एक अगस्त से लागू हो जायेगा और इसके तहत समय सीमा के भीतर किसी परिवाद पर नागरिकों को प्रदत्त सुनवाई का कोई अवसर और परिवाद पर सुनवाई में किये गये विनिश्चय के बारे में सूचना प्राप्त करने का अधिकार होगा।
जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित एक कार्यशाला में सभी जिला अधिकारियों को सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012 का विस्तार से प्रशिक्षण दिया और उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिये की वे 29 जुलाई को उपखण्ड मुख्यालयों पर कार्यशाला आयोजित कर उपखण्ड स्तर के अधिकारियों को इस अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दें।
गालरिया ने कहा कि एक अगस्त से प्रारम्भ हो रहे इस अधिनियम का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाना है जिससे आम व्यक्ति इसका लाभ उठा सकें। राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत, तहसील, उपखण्ड, जिला एवं संभाग स्तर पर लोक सुनवाई एवं अपील अधिकारी नियत किये हैं। शीघ्र ही जिलास्तर पर एक और कार्यशाला आयोजित कर संसद सदस्य, विधायकगण, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन, जिला प्रमुख एवं मीडिया प्रतिनिधियों को आंमत्रित कर इस अधिनियम के प्रावधानों के बारे में बताया जायेगा।
जिला कलक्टर ने जानकारी दी कि इस अधिनियम के तहत पंचायत, तहसील, उपखण्ड, जिला तथा संभाग स्तर के लिए विभिन्न विभागों ने लोक सुनवाई अधिकारी, प्रथम अपील अधिकारी व द्वितीय अपील अधिकारी नियुक्त किये हैं। जिनको समय सीमा में परिवाद का निस्तारण करना होगा। समय पर परिवाद का निस्तारण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी पर शास्ती लगाये जाने का प्रावधान है जो उसके वेतन में से काटा जायेगा। यह 5 सौ रूपये से कम नही और 5 हजार रूपये से अधिक नहीं होगा।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षणार्थी श्री अशोक सांखला ने पॉवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से सम्पूर्ण अधिनियम के प्रावधान, लोक सुनवाई अधिकारी, प्रथम अपील, द्वितीय अपील अधिकारी द्वारा लिये जाने वाले प्रार्थना पत्रों के बारे में बताया। विधि परामर्शी श्री हरीश शर्मा ने इस अधिनियम में प्रथम अपील, द्वितीय अपील, शास्ती आदि के प्रावधान, नियम व धारा के बारे में विस्तार से बताया तथा अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया।
कार्यशाला में अतिरिक्त कलक्टर सर्वश्री मोहम्मद हनीफ, जे.के.पुरोहित, गजेन्द्र सिंह राठौड़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राममूर्ति जोशी, संयुक्त निदेशक चिकित्सा डॉ. वी.के.माथुर, विभिन्न तहसीलदार विकास अधिकारी सहित सभी विभागों के जिला अधिकारी मौजूद थे।

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