नोटबंदी सिर्फ यूपी चुनाव जीतने की नौटंकी थी

photo not avelable8 नवंबर को देश में नोटबंदी लागू होगी तमाम जनता अगले 4 महीने तक इस बहाने पिसती रही दर्द जलती रही शादियां मैं तमाम तरह की परेशानियां इलाज से संबंधित परेशानियां कमीशन का मोटा खेल झेलती रही कि कहीं काला धन बाहर आएगा लेकिन जब आज आखिरी बार हुई है तो पता चला कि काला धन का कह तो आया नहीं बल्कि इस नोटबंदी में टैक्सपेयर्स की खून पसीने से जमा की गई कमाई को धूल में मिला दिया गया तमाम लोगों ने उस वक्त पता नहीं 507 इंच का सीना कर दिया था कहीं संस्थाओं के मुखिया ने तो नोटबंदी करवाने में खुद का बहुत बड़ा योगदान साबित किया कि हमारी संस्था के फलाना सिंह जी ने यह किया था आज मैं देख रहा हूं कि खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली स्थिति हो रही है आप नोटबंदी से मेरी बॉल पर देखेंगे मैंने कुछ नहीं लिखा सिर्फ फैसले को ऑनलाइन किया और उस दौरान भी मैंने जितनी भी चर्चा हुई उसमें कहा था कि नोटबंदी से कोई बड़ा फायदा देश को नहीं होने वाला है सिर्फ और सिर्फ यूपी चुनाव जीतने के नौटंकी थी इसके अलावा और कुछ नहीं और अगर गहराई से पड़ताल करें तो पता चलेगा कि दूसरी पार्टियों के फंड को रोकने का राजनीतिक षड्यंत्र था मात्र मेरी कोई निजी विचारधारा नहीं है किसी पार्टी के प्रति राष्ट्रवाद मुझे तथाकथित फर्जी लोगों से नहीं सीखना राष्ट्रवाद मेरे खून में है मैं मेरे पूर्वजों ने अपना सर कटा के इस राष्ट्र की सेवा की है तो इसलिए राष्ट्रवाद की परिभाषा कोई नहीं दे मुझे तो बेहतर रहेगा पिछले तीन चार वर्षों में हम एक पार्टी विशेष को हम #राष्ट्रवादी मानकर चल रहे हैं जबकि दोगले पंथी की हद होती है हर फैसला ऐसा ही है जो लोग यह कह रहे हैं कि जब पार्टी आतंकियों को टेरर फंडिंग रुक गई तो उनकी गलतफहमी के लिए बता दूं कि तमाम तरह के नकली नोट पकड़े जा चुके हैं तो वह अपनी गलतफहमी दूर कर लें बाकायदा मीडिया की सुर्खियां बनी है कितने परसेंट में नोट बदले जा रहे हैं तो वह सब तमाम चीजें कहां कहां से रुकी कहां से नहीं रुकी वह 1500000 रुपए अभी तक खाते में नहीं आए यह दूसरा और कालाधन घर हो गया उन तमाम किसान भाइयों को उन तमाम माताओं को उन बहनों को सबकी जो परेशानी हुई कईयों की मौत हुई उन सब का जिम्मेदार कौन और हम नौटंकी बाजी में इतने आगे बढ़ गए हैं कि हमने हमारी वृद्धा मां को भी नहीं बख्शा हमने उनको भी लाइन में लगा दिया दिखाने के लिए की देखो साहब हमारे लिए सब एक हैं मैं यह पूछना चाहता हूं कि आप देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक पद पर बैठे हैं क्या आपकी मां को सचमुच लाइन में लगना चाहिए क्या यह प्रेक्टिकली पॉसिबल है यह सिर्फ नौटंकी है इसका फैसला आप खुद और आपके अपनी आत्मा कीजिए अगर जिंदा बची और अगर भक्ति से दूर हो तो इन #जुमलेबाजो और इन फेकू चंदो से देश नहीं बदलता है साथियों देश बदलता है खुद के कर्म करने से खुद के आगे बढ़ने से यह राष्ट्र अभी हमारा है इसकी संपत्ति भी हमारी है यह #फेंकूचंद को कोई अधिकार नहीं है इसको बर्बाद करने का इसलिए मेरा आपसे करबद्ध करके निवेदन है कि इन सब फेकू चंदू को लात मारो और दूर कर दो इनको जो कभी राम के नाम पर लड़ाते हैं कभी दलितों के नाम पर लड़ाते हैं कभी #नोटबंदी के बहाने तो कभी हमारे सैनिकों के किए हुए शौर्य को चुनावों में चुनावी मुद्दा बनाते हैं #भक्त नाराज हो तो मेरे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं क्षत्रिय हूं गर्व से कहता हूं और क्षत्रिय होना अपने आप में इस राष्ट्र के प्रति समर्पण और इस राष्ट्र के प्रति कर्म का एक निशान है है जय क्षात्र-धर्म
भवर सिंह रेटा
संस्थापक जय राजपुताना संघ

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