निजीकरण का सच

सविता रानी
सविता रानी
वर्तमान में राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर में उन्नयन हेतू सरकारी विद्यालयों को ppp mode पर देने का निर्णय किया गया।
दरअसल इसका उद्देश्य समझ से परे है कहा जरूरत आन पड़ी थी कि विद्यालयों को ppp mode पर दे , इससे पहले की हम इस विषय मे जाने , यहा यह जानना प्रासंगिक होगा कि शिक्षा और सरकार का क्या सम्बन्ध है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान में नागरिकों को,प्रदत मूल अधिकारों में से एक है ।
6 से 14 आयुवर्ग के बालको को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा (51 क)व निशुल्क एव अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 से हम सभी भली भांति परिचित है , जब कोई विषय भारतीय संविधान में निशुल्क उपबन्धित है तो उस विषय को निजी हाथों में सौपना कहा तक उचित है , विचार कीजिये ।
Ppp mode पर सोपने के तर्क
1.गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा
2.आर्थिक लाभ
अगर सरकार ये मानती है कि सरकारी विद्यालय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में नाकाम है , तो उसकी जिम्मेदार भी स्वयं सरकार ही है , क्योकि सरकार शिक्षा पर वितीय बजट पर्याप्त नही है , विद्यालय शिक्षकों बिना खाली पड़े है ।
अगर आपको वास्तव में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देनी है तो पर्याप्त संसाधन उपलब्ध क्यो नही करवाते क्यो हजारो पद खाली है , सरकारी विद्यालयों के रिकॉर्ड ऑनलाइन करवा कर वाह वाही लूटने वाले प्राथमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर व इंटरनेट क्यो नही लगवा देते , जबकि चुनावी वर्ष में एक ही विद्यालय के कई छात्रों को लैपटॉप देने के लिए वित्त आ जायेगा पर उस विद्यालय में कम्प्यूटर लेब के लिए बजट नही है , क्यो 1 से 12 तक विद्यालय 5 कमरों में संचालित है (उसे ppp mode पे दीजिये ना) जहा 15 छात्रों का नामांकन है उसे भी ppp mode में दीजिये।
आपका उद्देश्य तो गुणवत्ता बढ़ाना है शुरुआत ग्रामीण क्षेत्रो के विदयालय से कीजिये क्यो बड़े शहर के 1000 नामांकन वाले विद्यालय दिए जा रहे है ? बड़े सुनियोजित तरीके से ऐसे विद्यालय जिनकी लोकेशन बहुत अच्छी है ( शहर के बीचों बीच , या पॉश एरिया , या जहा भूमि महंगी है ), अब ऐसी क्षेत्रों में जगह मिलना तो बड़ा दुष्कर है , इससे बेहतर क्या हो सकता है कौड़ी के दाम में भूमि मिल जायेगी और ऊपर से कोई दिक्कत भी नही , ppp mode पे देना है न तो देओ बाड़मेर के विद्यालय , जैसलमेर के विद्यालय क्यो नही देते उनको गुणवत्ता उनकी नही बढानी है क्या ? कई सारे विधानसभा क्षेत्रों में भी कार्य गुणवत्ता पूर्ण नही हो रहे है तो क्या उनको भी ppp mode पर देने का मानस है ?
चंद लोगो के लिए सरकार इस निर्णय पर पहुँची है , विषय बड़ा गम्भीर है, भला किसका होगा ये तो हम सब जानते है ।
अब बात करते है सरकार का तर्क आर्थिक हानि होने के कारण ppp mode अपनाया जा रहा है ,तो क्या सरकार फायदा नुकसान देखने के लिए बनाई जाती है ? ऐसा ही होता तो सरकार की कहा जरूरत बड़े बड़े दिमागदार उद्योग पति है उनको सरकार दे देते वो कभी सरकार को घाटे में नही जाने देते , सरकार बनाई जाती है लोक कल्याणकारी कार्यो के लिए न कि फायदा नुकसान देखने के लिए , भारत का संविधान समाजवादी विचारधारा रखता है न कि पूंजीवाद ।
खेर सवाल कई सारे है पर सब निर्रथक एक तरफ दावा करते है अनिवार्य शिक्षा हो दूसरी तरफ उसी हक को छीन रहे है क्या होगा जब अगले सत्र में उस विद्यालय में पढ़ने वाले 200 गरीब छात्रो से फीस मांगी जाएगी और फीस न होने के कारण वो उस विद्यालय छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे क्या यही गुणवत्ता है ?धन्य है !!!
सविता रानी अजमेर

error: Content is protected !!