वाशिंगटन। अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए ‘ऑपरेशन जेरोनिमो’ में शामिल रहे नेवी सील कमांडो मार्क बाइसोनेट की किताब से हुए पहले खुलासे ने ओबामा प्रशासन की नींद उड़ा दी है। किताब में दावा किया गया है कि ओसामा को जब गोली मारी गई तब वह निहत्था था और घायल अवस्था में जमीन पर पड़ा तड़प रहा था। ओसामा के खात्मे के बाद अमेरिका ने जो कहानी बताई थी यह खुलासा उसके बिल्कुल उलट है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि अगर वह निहत्था था और नेवी सील कमांडोज पर हमला नहीं कर रहा था तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? ‘ऑपरेशन जेरोनिमो’ में शामिल रहे मार्क बाइसोनेट की किताब ‘नो ईजी डे’: द फर्स्ट हेंड अकाउंट ऑफ द मिशन दैट किल्ड ओसामा बिन लादेन’ 9/11 को रिलीज होगी। इसमें बाइसोनेट ने लिखा-हमने खिड़की से किसी को झांकते देखा और फिर गोलियों की आवाज सुनी। मुझे यह नहीं पता चला कि टारगेट को गोली लगी थी या नहीं? कुछ देर बाद वह आदमी अंधेरे कमरे में भागा। मैं और मेरे तीन साथियों ने गोली चलने के बाद थोड़ा समय लिया और फिर उस कमरे में घुसे। हमने देखा कि लादेन निहत्था और दर्द से तड़प रहा था। उसके सिर पर गोली लगी थी। खून बह रहा था और उसके दिमाग का कुछ हिस्सा अलग हो चुका था। कमरे में एक महिला भी थी। वह लादेन से लिपटकर रो रही थी।
नेवी सील अंदर घुसे और उसके सीने पर कुछ राउंड फायर किए। वह मर चुका था। नेवी सील बार-बार उसके चेहरे को देखकर यह पुष्टि करने की कोशिश कर रहे थे कि वह लादेन ही था या कोई और? मार्क ने लिखा-इसके बाद हमने उस लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया कि मरने वाला लादेन ही था। वह लादेन की पत्नी थी। उसके कमरे से एके-47 और एक पिस्टल भी मिली थी, लेकिन दोनों में गोलियां नहीं थीं। लादेन हमले के लिए तैयार नहीं था। पाकिस्तान के एबटाबाद में दो मई को जब लादेन मारा गया था तब कहा गया था कि वह एक ही गोली से मारा गया और उसके हाथ में हथियार था। एबटाबाद स्थित परिसर में घुसने से पहले सील कमांडोज पर हमला हुआ था, लेकिन किताब में इन बातों को खारिज किया गया है।