परमाणु परीक्षण जनता की मांग: उत्तर कोरिया

संयुक्त राष्ट्र के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया ने शनिवार को दोहराया कि वह तीसरा परमाणु परीक्षण करने की घोषणा पर कायम है। उसका कहना है कि यह देश के लोगों की मांग है। इस चेतावनी से एक दिन पहले ही प्योंगयांग ने कहा था कि इस सप्ताह लगाए गए प्रतिबंध युद्ध की घोषणा की तरह है। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ कार्रवाई की धमकी भी दी है।

उत्तर कोरिया के सरकारी अखबार रोडोंग सिनमून की रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु परीक्षण जनता की मांग है। जनता की मांग है कि हमें परमाणु परीक्षण से भी बढ़कर कुछ करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमारे लिए और कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। हमारे पास निर्णायक संघर्ष के लिए आगे बढ़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की शत्रुतापूर्ण नीति है। इसके अलावा अमेरिका के पास मौजूद परमाणु हथियारों का विशाल भंडार भी शांति के लिए खतरा है।’

उधर एक अमेरिकी दूत ने कहा है कि वाशिंगटन और बीजिंग इस बात पर सहमत हो गए हैं उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने से वह और अधिक अलग-थलग पड़ जाएगा। इससे उत्तर कोरिया के परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए क्षेत्रीय स्तर पर वार्ता प्रारंभ करने के प्रयासों को भी झटका लगेगा। शनिवार को चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद उत्तर कोरिया के लिए अमेरिकी दूत ग्लीन डेविस ने कहा कि दोनों पक्ष उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण का विरोध करते हैं। हाल ही में उपग्रह से प्राप्त चित्रों की ओर संकेत करते हुए अमेरिका के एक शोध संस्थान ने कहा है कि उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण के लिए लगभग तैयार है।

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