शिक्षा में लैंगिक आधार पर न हो भेदभाव: ब्रह्मानंद राजपूत

untitledआगरा। ग्रामीण विकास संघर्ष समिति ने शुक्रवार को ग्राम दहतोरा में शिक्षा दिवस मनाया। इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के सभी सदस्यों ने बच्चों के साथ ‘भारत रत्न’ मौलाना अबुल कलाम आजाद की तस्वीर को नमन और माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर पर ‘भारत के निर्माण में शिक्षा की भूमिका’ विषय पर निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी। जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इस मौके पर ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के ब्रह्मानंद राजपूत ने बच्चों को विश्व शिक्षा दिवस के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। चाहे व अमीर हो या गरीब, लडका हो या लडकी हर बच्चे को शिक्षा का अवसर प्रदान करना हम सब का फर्ज है। शिक्षा हर बच्चें का मौलिक अधिकार है। इसलिये बच्चैं को अमीरी-गरीबी या लैंगिक आधार पर शिक्षा से वंचित रखना उनके साथ अन्याय है। आज खासकर समाज को नारी शिक्षा पर ध्यान देने की जरुरत है। उन्होने बच्चों को पढ़ाई के महत्व व उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

ग्रामीण विकास संघर्ष समिति के विष्णु मुखिया ने कहा कि शिक्षा सबका संवैधानिक अधिकार है। हर माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षा दिलानी चाहिये। उन्होंने बच्चों को दूसरों को शिक्षा देने के लिए प्रेरित करने व उस की महत्ता बताई।

कार्यक्रम के अन्त में निबंध प्रतियोगिता और चित्रकला में प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी में आने वाले बच्चों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर सुनील राजपूत, उमेष राजपूत, जीतू राजपूत, निनुआ खान, पवन चैधरी, चन्द्रवीर, रामबाबू, अजय, रजत लोधी, शिवा बघेल, हेमेन्द्र सिंह, राहुल खान, यशपाल, सतीश राजपूत, सोनू राजपूत आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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