नरेंद्र मोदी फिल्‍म के नहीं, पूरे देश के हीरो हैं अनिल नरयानी

director anil naryani (8)भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर आधारित एक फिल्‍म आ रही है, जिसका नाम ‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’ है। फिल्‍म को अनिल नरयानी डायरेक्‍ट कर रहे हैं। मूलत: जयपुर राजस्‍थान से आने वाले अनिल नरयानी ने अपनी सिनेमाई सफर की शुरूआत 1998 में राजस्‍थानी अलबम से की, मगर इसके बाद उन्‍होंने एक के बाद एक कई अलबम किये। उनकी पहली फिल्‍म ‘नथ, एक प्रथा’ हिंदी में थी, मगर उसका बेस राजस्‍थानी था। अनिल फिल्‍म इंडस्‍ट्री में आने से पहले चार्टर अकाउंटेंट के तौर पर नौकरी करते थे, मगर वहां उनका मन नहीं लगा और उन्‍होंने फिल्‍मों की ओर रूख कर लिया। आज वे एक मंजे हुए डायरेक्‍टर के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। तो आईये, आज हम बात करते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अपना हीरो तलाशने वाले डायरेक्‍टर अनिल नरयानी से ——–

सवाल :- फिल्‍म ‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’ में क्‍या खास है ?

जवाब : – ‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन की कहानी पर आधारित है, जिसकी कहानी मोटिवेशनल है। इस कहानी को खास कर बच्‍चों और युवाओं को ध्‍यान में रखकर हमने तैयार किया है। हम इस फिल्‍म में उनकी कहानी को इस तर‍ह से प्रजेंट कर रहे हैं, ताकि फिल्‍म को देखने और समझने वाले दर्शक मोटिवेट हो। और उन्‍हें ये भी समझ में आये कि नरेंद्र मोदी देश की भलाई के लिए क्‍या चाहते हैं, क्‍यों चाहते हैं और कैसे चाहते हैं। मुझे लगता है कि आज देश का हर बच्‍चा नरेंद्र मोदी बनना चाहता है।

सवाल :- आपने नरेंद्र मोदी को सब्‍जेक्‍ट क्‍यों बनाया। आपको ये फैसला करने में परेशानी नहीं हुई ?

जवाब :- वास्‍तव में जो रियल है, फिल्‍म में हमने वही दिखाने की कोशिश की है। मेरा मानना है कि नरेंद्र मोदी फिल्‍म के नहीं, पूरे देश के हीरो हैं। वे अभी देश के लिए बहुत अच्‍छा कर रहे हैं। क्‍योंकि वे मेरे भी हीरो हैं, इसलिए मुझे लगा कि उनके जीवन के संघर्ष को पर्दे पर लाना चाहिए। इसमें मुझे कोई परेशानी या डर जैसा कुछ नहीं लगा। मैं मानता हूं कि नरेंद्र मोदी जी के व्‍यक्तिव से भारत की नई पीढ़ी प्रेरणा ले।

सवाल :- फिल्‍म की कास्टिंग के बारे में बतायें। खास कर नत्‍था यानी ओमकार दास माणिकपुरी के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

जवाब :- बेसिकली फिल्‍मों बच्‍चों पर बेस्‍ड है, जिसमें 11 से 13 साल के बच्‍चे फिल्‍म में नजर आयेंगे। लेकिन फिल्‍म में नरेंद्र मोदी के पिता का किरदार ओमकार दास माणिकपुरी कर रहे हैं, जो अमीर खान प्रोडक्शन की फ़िल्म ‘पिपली लाइव’ में नत्था का रौल में थे। इसके अलावा नरेंद्र की मां की भूमिका में अनाशा सैयद हैं। अनाशा लोकप्रिय टीवी शो सीआईडी में इंस्‍पेक्‍टर पूर्वा की भूमिका में नजर आती हैं। नरेंद्र की भूमिका में करण पटेल हैं, जिन्‍होंने अब तक 13 गुजारती फिल्मों का अनुभव है। लोगों का मानना है कि करण ठीक वैसे ही लगते हैं, जैसे नरेंद्र मोदी बचपन में लगते थे। नरेंद्र की बहन के रौल में जो बच्‍ची नजर आ रही हैं, वो फुटपाथ से आती हैं। मगर कमाल की आर्टिस्‍ट हैं। उनका मां को ऑडिशन में आने नहीं दिया गया था, लेकिन वो आज फिल्‍म में लीड रौल में हैं। इसके अलावा टीवी शो सबसे बड़ा कलाकार से लोगों का ध्‍यान आकर्षित करने वाले ऋषि पंचाल भी फिल्‍म में नजर आयेंगे।

जहां तक बात ओमकार दास माणिकपुरी की है, तो वे एक ऐसे कलाकार हैं, जो अपने कैरेक्‍टर में पूरी तर‍ह से उतर जाते हैं। ऐसा लगता है कि हमने जो कैरेक्‍टर उनके लिए लिखी है, वो कैरेक्‍टर न हो कर खुद ही हैं। उनके अभिनय में सबकुछ रियल नजर आता है। उनका परफॉर्मेंस लाइव होता है। उनसे जो फिल्‍म मेकर चाहते हैं, वो उसे डेवलप कर लेते हैं।

सवाल :- फिल्‍म में कितने गाने हैं और म्‍यूजिक कैसा है और फिल्‍म का स्‍टेटस अभी क्‍या है?

जवाब :- इस फिल्‍म में मुख्‍य रूप से तीन गाने हैं, जो मोटिवेशनल हैं। इसमें म्‍यूजिक आर बी कमल और भरत कमल ने दिए हैं, जो राज कमल जी के बेटे हैं। इन्‍होंने कई गुजराती टीवी शो में संगीत दिया है। इसके अलावा मशहूर सिंगर सुखविंदर से भी हमने एक गाने के लिए कांटेक्‍ट किया है, मगर अभी फाइनल नहीं हुआ है। सिंगर दिव्‍य कुमार भी फिल्‍म में गायेंगे। हमने शायद पहली बार गुजराती सिनेमा में कौव्‍वाली ट्राय की है, जो अब तक नहीं हुआ। इसे फरीद सावरी गायेंगे। फिल्‍म के दो शेड्यूल की शूटिंग खत्‍म हो चुकी है, जबकि तीसरे में हम लगे हैं। गुजरात के आसपास सूरत, राज पीपला, दमन के पास पार्डी गांव, आमर गांव और उद्यवारा जैसे लोकेशंस पर अब तक हमने फिल्‍म शूट किये हैं।

सवाल :- आप राजस्‍थान से आते हैं, फिर आपने गुजराती भाषा की फिल्‍म को क्‍यों चुना ?

जवाब :- मेरी करियर की शुरूआत राजस्‍थान से हुई, जब 1998 में मैंने कई राजस्‍थानी कंपनी के लिए अलबम किये। साल 2000 से 2006 तक टी-सीरीज के लिए एक हजार से ज्‍यादा अलबम में काम किया। फिर मैंने हिंदी फिल्‍म से शुरूआत की। बाद में मराठी में भी बच्‍चों के लिए एक फिल्‍म बनाई। अभी गुजराती मैं मोदी जी के अलावा एक और फिल्‍म लाइनअप है। जबकि फिल्‍म मशीन के प्रोड्यूसर हरीश पटेल के साथ मैं एक हिंदी फिल्‍म भी कर रहा हूं, जिसे मैं डायरेक्‍ट कर रहा हूं। इसके लिए उर्वशी रौतेल के साथ अन्‍य दूसरे आर्टिस्‍ट को हमने अप्रोच किया है। मगर कंफर्मेसन अभी नहीं हुआ है। बेसिकली मैं ये कहना चाहता हूं कि भाषा मेरे लिए कोई बैरियर नहीं है। मैं फिल्‍म के सब्‍जेक्‍ट के अनुसार अच्‍छी फिल्‍में बनाने में यकीन करता हूं।

सवाल :- अंत में ये बतायें कि क्‍या इस फिल्‍म को भाजपा के लोगों को दिखायेंगे और क्‍या इसे टैक्‍स फ्री करने के लिए सरकार से अपील करेंगे ?

जवाब :- सबसे पहले मैं ये बता दूं कि फिल्‍म ‘हू नरेंद्र मोदी बनवा मांगू छू’ फिलहाल गुजरात के दर्शकों के लिए बना रहा हूं। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई वास्‍ता नहीं है। हम चाहते हैं नरेंद्र मोदी की इंस्‍पायरिंग कहानी देश भर में जाये। पहले तो इसे टारगेट के अनुसार 17 नंवबर को गुजरात में की रिलीज करने की योजना है। बाद भाजपा को भी दिखाने के लिए ट्राय करेंगे। साथ ही अन्‍य भाषाओं में डब करने की कोशिश होगी। साथ ही हम फिल्‍म को टैक्‍स फ्री करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी से भी मुलाकात करेंगे।

लेखक
संजय भूषण पटियाला

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