श्री हरि वृद्धाश्रम के 18 बुजुर्ग श्री रामेश्वरम तीर्थ यात्रा हेतु प्रस्थित

ashram 16विदिषा 16 नवम्बर 2017/ मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत श्री हरि वृद्धाश्रम के 18 बुजुर्ग आश्रम के सहायकों के साथ विगत देर रात को विषेष ट्रेन द्वारा श्री रामेष्वरम धाम की यात्रा पर प्रस्थित हुए। इनमें आश्रम संचालक श्रीमती इन्दिरा शर्मा, विशेष सहयोगी वेदप्रकाश शर्मा एवं 15 अन्य सहायक भी सम्मिलित हैं।
इस तीर्थ का विषिष्ट महत्व
इस महान वैष्णव महातीर्थ की विषिष्ट महिमा-गरिमा एवं महत्ता है। भगवान श्री राम ने लंका विजय हेतु प्रस्थान करने के पूर्व सागर तट पर भगवान श्री षिवषंकर का समुद्र तट की रेत से श्री षिवलिंग प्रतिष्ठापित कर लंका में विजय की कामना की थी। इसीलिए इस तीर्थ को श्री राम के ईष्वर के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस मान्यता को भगवान श्री राम ने स्वयं सहमति प्रदान की है, जबकि भगवान श्री षिवषंकर ने इस नामकरण का अर्थ श्री राम जिनके ईष्वर अर्थात भगवान श्री शंकर के ईष्वर निरूपित किया है। श्री रामचरित मानस के अनुसार इन परमेष्वरों की सबसे बड़ी विषेषता ये है कि दोनों एक-दूसरे के स्वामी, सेवक तथा सखा हैं। वैसे भी, दोनों ही अभिन्न हैं।
जिला प्रषासन ने भी दी मंगल विदाई
उल्लेखनीय है कि विगत माह आश्रम के 15 दिवंगत बुजुर्गो का श्री गयाजी तीर्थ पहुंचकर अपने स्वयं के व्यय पर पिंडदान करने वाले युवा समाजसेवी ओर मुक्तिधाम के सचिव मनोज पांडे भी इस पुण्य यात्रा में बुजुर्गो की सेवा में उपस्थित हैं। इस अवसर पर बुजुर्गो को सम्मान सहित विदा करने रेलवे स्टेशन पर विदिशा एसडीएम रविशंकर राय ,डिप्टी कलेक्टर एके मांझी एन, आई,सी,के जिला अधिकारी एम एल अहिरवार सहित भाजपा नेता छत्रपाल शर्मा आदि उपस्थित हुए और बुजुर्गों का पुष्प-मालाओं से सम्मान कर मंगल विदाई देते हुए यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। जाने-माने समाज सेवी गोविंद देवलिया, विजय चतुर्वेदी आदि ने भी बुजुर्गो का अभिनन्दन कर उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर सभी बुजुर्गो ने रेलवेे स्टेशन पर अपने साथ ले जा रहे ढोलक मंजीरे सहित अन्य वाद्य यंत्रो के साथ खूब भजन गए। यात्रा की अनुभूति पर जब प्रशासन ने बुजुर्गो से बात की तो अनेक बुजुर्ग स्टेशन पर ही भावुक होकर रो पड़े । बुजुर्गो का कहना था कि हमे जँहा अपनो ने ना केवल नाना प्रकार से प्रताड़ित किया, वल्कि घर से भी बेघर कर दर-दर की ठोकरे खाने मजबूर भी कर दिया। ऐसे में श्री हरि वृद्धाश्रम प्रबंधन और जिला प्रशासन के प्रयासों से मुख्य मंत्री तीर्थ दर्शन योजना का जो लाभ मिला है वह सपने में भी संभव नही था।

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