आपातकाल के दौरान सीआरपीसी की धारा 107 के तहत जेल गए लोगों को भी सुविधाएं दिलाने के प्रयास

संघ पर प्रथम प्रतिबंध के समय जेल जाने वाले वरिष्ठ प्रचारक धनप्रकाश समेत तीन का सम्मान
jaipur samacharजयपुर। आपातकाल के दौरान सीआरपीसी की धारा 107 के तहत जो लोग जेल में बंद थे उन्हें वे सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं जो डीआईआर,मीसा मंदियों को मिली है। जल्द ही उन्हे भी ये सुविधाएं दिलाने के सरकारी स्तर पर प्रयास जारी है।
लोकतंत्र सेनानी संघ की ओर से गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर वर्ष 1948 में लगे प्रथम प्रतिबंध के दौरान जेल जाने वाले वरिष्ठतम प्रचारक धनप्रकाश त्यागी, अजमेर के वरिष्ठ अधिवक्ता ओम प्रकाश मंगल और जयपुर के श्रीनाथ राव के सम्मान समारोह में यह जानकारी राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति अभिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने दी। समारोह वैशाली नगर स्थित भारतीय किसान संघ के कार्यालय में हुआ। लखावत ने कहा कि हमने सरकार से कहा है कि यदि आपातकाल के कारण जेल जाने वालों को सुविधा देनी है तो सभी लोग बराबर के हकदार है। इनमें लोगों का नहीं पुलिस का दोष है क्योंकि एक थाने ने किसी व्यक्ति पर डीआईआर लगा दी तो दूसरे थाने में अन्य व्यक्ति पर सीआरपीसी की धारा 107 लगा दी गई। उन्होंने कहा कि इस विषय में हमारी मुख्यमंत्री से बात हो गई है। हमनें दस्तावेज के साथ तार्किक रूप से अपना पक्ष रखकर सरकार से आग्रह किया है। उम्मीद है आने वाली कैबिनेट में यह विषय आ जाएगा। सुविधाओं को लाभ धारा 107 वालों को भी मिलने लगेगा।
लखावत ने कहा कि संघ पर अब तक तीन बार प्रतिबंध लगा है। हम सौभाग्यशाली है कि संघ पर लगे प्रथम प्रतिबंध के दौरान जेल जाने वाले तीन महानुभाव हमारे बीच में मौजूद है। समारोह में आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जब सत्ता निरंकुश होकर लोकतांत्रिक प्रणाली से काम नहीं कर पाती है तब अलोकतांत्रिक कदम उठाकर जनदोहन करती है। आपातकाल भी ऐसा ही एक अलोकतांत्रिक कदम था। इसमें तमाम विरोधी राजनीतिक दलों और राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए उन्हें जेलों में डाल दिया गया था। जब आपातकाल लगा था उस वक्त कोई नहीं जानता था कि यह कब हटेगा। समारोह में सम्मानित हुए तीनों महानुभावों ने संघ पर लगे प्रथम प्रतिबंध के समय के अपने संस्मरण भी साझा किए।

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