न्यूयॉर्क स्तिथ सिटी यूनिवर्सिटी में किये गये शोध के अनुसार नैपिंग से दिमाग में नए कनेक्शन बनते हैं। 2007 में आर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार नैप लेने से दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है। जो लोग हफ्ते में तीन बार भी नैप लेते हैं, उनमें हार्ट डिसीज का खतरा 37 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
नैप आपको अधिक प्रोडक्टिव बनाती है। असल में कहा जाता है कि अधिक प्रोडक्टिव होने का रहस्य समय को मैनेज करना तो है ही, बल्कि इससे ज्यादा अहम है अपनी एनर्जी को बनाए रखना।
ऐसा माना जाता है कि आप अपने काम के स्तर को नींद के मेनेजमेंट से सुधार सकते हैं | विभिन्न सर्वे से ज्ञात हुआ कि दिन में 6 से लेकर 60 मिनट की नैप उपयोगी होती है | 20मिनट की नैप सबसे प्रभावी होती हैं वहीं 45 मिनट नैप कम करती है ब्लडप्रेशर | सर्वे से यह मालूम हुआ है कि दिन में कुछ देर की नींद याददास्त बढ़ाने में सहायक होती है | यह नियमित रात्री नींद की जगह नहीं ले सकती। छहमिनट की छोटी सी नैप तभी उपयोगी है, यदि आप रात में पर्याप्त सोए हों तो दिन में छहमिनट की छोटी सी नैप भी मैमोरी परफॉरमेंस में उपयोगी होती है, किन्तु यह नियमित रात्री नींद की जगह नहीं ले सकती। 20 मिनिट की नैप सबसे प्रभावी एवं उपयोगी मानी जाती है। यह ऊर्जा से भर देती है और इससे बचे हुए दिन के समय में सुस्ती-आलस्य का सामना भी नहीं करना पड़ता। छात्रों पर हुए एक शोध के आधार पर वैज्ञानिकों ने बताया कि इससे दिमाग तेज होता है और सक्रियता एवं अलर्टनेस भी बढ़ती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के माइकल ब्रीअस के शोध के अनुसार 60 मिनट की नैप से याददाश्त से जुड़े कार्यों को पूरा करने में सहायता मिलती है। यह भी सही है कि लंबी नैप कभी-कभी सुस्ती भी ला सकती है, किन्तु छोटी नैप कफी उपयोगी होती है। हार्वर्डमेडिकल स्कूल के डॉ रसेल साना ने 2008 में एक शोध किया जिससे मालूम हुआ कि 45 मिनट की नैप स्ट्रेस के मरीजों में फायदेमंद होती है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है।
संकलनकर्ता—–डा. जे.के.गर्ग, सन्दर्भ—-डॉ सारा सी मेडनिक की पुस्तक टेक नैप चेंज योर लाइफ, आर्काइव ऑफ इंटरनल मेडिसिन, अमेरिका की नेशनल स्लीप फाउंडेशन, हार्वर्डमेडिकल स्कूल के डॉ रसेल साना एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकायें आदि