बंगलौर, चेन्नई, पुणे और मुंबई जैसे शहरों से भयभीत उत्तर-पूर्व के लोगों के वापस घर जाने का सिलसिला जारी है.
हालाँकि अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है, लोग अभी भी डरे हुए हैं.
एक अनुमान के मुताबिक पिछले तीन से चार दिनों में करीब 15 हजार लोग बंगलौर छोड़कर जा चुके हैं. उधर मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक करीब 800 लोग मुंबई छो़ड़ चुके हैं. पुणे, चेन्नई जैसे शहरों से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं.
टीवी और एजेंसी की तस्वीरों में लोग बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशनों पर जमा हुए देखे जा सकते हैं.
इनमें से कुछ लोगों ने कहा कि उनके पास टिकट भी नहीं हैं लेकिन वो रेलवे स्टेशन पर खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
उधर बंगलौर के पुलिस उपायुक्त विक्टर डिसूजा ने कहा है कि एसएमएस, फेसबुक और ट्विटर पर अफवाहों को रोक पाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा है.
विक्टर डिसूजा ने बीबीसी संवाददाता विनीत खरे से कहा, “चूँकि बंगलौर एक आईटी शहर है, ज्यादातर लोगों को पता है कि कंप्यूटर का इस्तेमाल कैसे किया जाए. सभी के पास मोबाइल हैं. आप 50 पैसे में एसएमएस भेज सकते हैं. हमारे लिए एसएमएस पर अफवाहों को रोकना मुश्किल हो गया है.”
डिसूजा के मुताबिक लोग अफवाहों के कारण बंगलौर से भाग रहे हैं और बंगलौर से पूर्वोत्तर जाने वाली रात की दो गा़ड़ियाँ पूरी भरी हुई हैं.
डरने की बात नहीं: चेन्नई के पुलिस आयुक्त
उधर चेन्नई के पुलिस आय़ुक्त जेके त्रिपाठी ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि डरने की कोई बात नहीं है और शहर में ऐसी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है जिससे पूर्वोत्तर के लोगों को शहर छो़ड़ना पड़े.
उन्होंने कहा, “हो सकता है कि ये लोग शहर छोड़कर इसलिए जा रहे हों क्योंकि उनके परिवार वालों ने उन्हें घर वापस बुलाया हो. हमने उन्हें पूर्ण सुरक्षा दी है.”
त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कितने लोग चेन्नई छोड़कर जा रहे हैं.
फ्लाइट की टिकट हुई डेढ़ गुना महँगी
मुंबई स्थिति बीबीसी संवाददाता जुबैर अहमद बताते हैं कि पुणे से पूर्वोत्तर के लोगों का वापस जाना जारी है.
जुबैर के मुताबिक गुवहाटी को जाने वाली फ्लाइट्स की टिकटें जो करीब 10,000 रुपए में मिल जाती थीं, अब उनकी कीमत बढ़कर 15,000 तक पहुँच गई हैं.
पुणे स्थित अरुणाचली छात्रों के एक नेता के मुताबिक शहर में पूर्वोत्तर के करीब 4,000 छात्र पढ़ते हैं और ज्यादातर शहर छोड़कर जा रहे हैं.
उधर हैदराबाद से बीबीसी संवाददाता उमर फारुक के मुताबिक वहाँ स्थिति सामान्य है.
गौरतलब है कि असम में पिछले दिनों फूटी जातीय हिंसा का असर बंगलौर जैसे शहरों में हुआ है.
जहाँ बंगलौर में रह रहे पूर्वोत्तरी राज्यों के हजारों लोग इस डर से शहर छोड़ कर भाग गए हैं कि कहीं उन पर हमला न हो जाए, वहीं हैदराबाद में असम और अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों से आए लोगों के बीच भय व्याप्त है.
असम के कोकड़ाझाड़ जिले में बोडो जनजाति और बंगाली मुसलमानों के बीच व्यापक दंगे भड़क उठे थे जिनमें तीन लाख से ज़्यादा लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा था.
हाल में असम में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में जब मुंबई में मुसलमानों के संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया तो वहाँ हिंसा हुई थी जिसमें दो लोग मारे गए थे और अनेक अन्य घायल हो गए थे.
कुछ समय पहले महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुए बम धमाकों के बाद भी ये कहा गया था कि इन बमों के जरिए पूर्वोत्तरी राज्यों के लोगों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी.
मुंबई काण्ड के बाद से अब तक पुणे में अलग-अलग जगहों पर पूर्वोत्तरी राज्यों के 10 लोगों पर हमले हुए हैं. हमला करने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है
उधर पुणे पुलिस ने इन छात्रों से अपील की है कि वो फेसबुक और दुसरे नेटवर्क पर फैली अफवाहों पर ध्यान न दें. पुलिस ने छात्रों से कई बैठक की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें पूरी सुरक्षा दी जायेगी.