बाड़मेर / कानून कायदे कभी कभी मानवीय रिश्तों व संवेदनाओं पर भारी पड़ जाते हैं कि आपसी संबंधों में भी बिखराव का कारण बन जाते हैं। इन्ही नियमों की त्रासदी में 10 दिन पूर्व पाकिस्तान से आई एक महिला के जैसलमेर में जन्में पुत्र को अब अपनी मां के साथ पाकिस्तान जाने नही दिया जा रहा हैं क्योंकि बच्चे का न तो वीजा हैं न ही पासपोर्ट जबकि पाकिस्तानी दंपती के भारत में जन्मा ये बच्चा नियमानुसार पाकिस्तानी ही कहलाएगा।
शुक्रवार रात को यहां से थार एक्सप्रेस से रवाना हुए इस दंपती के बच्चे को शनिवार को मुनाबाव में रोक कर वापस लौटा दिया गया हैं। मुनाबाव में तैनात आब्रजन अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा हैं कि या तो वे 10 दिन के बच्चे को भारत में छोड़ कर पाकिस्तान चले जाए या फिर वे वापिस चले जाए।
दंपती रविवार को वापस जोधपुर पहुंचा तथा वहां से पाकिस्तान दूतावास में नवजात बच्चे के वीजा पासपोर्ट के लिए नई दिल्ली रवाना हो गया। इस दंपती के रिश्तेदार जैसलमेर के बासनपीर निवासी रसीद खान ने बताया कि उसकी नजदीकी रिश्ते में दोहिती मरई फातिमा (35) अपने पति मीर मोहम्मद लहर निवासी घोटकी पाकिस्तान अपने एक लड़के व लड़की के साथ 22 फरवरी को मुनाबाव मार्ग से जैसलमेर आई थी।
उसके पिता का देहांत होने पर अपनी मां से मिलने के लिए जैसलमेर के बासनपीर गांव आई थी हालांकि वीजा उनका डेढ़ माह का ही था लेकिन बाद में उसे एक माह के लिए बढ़वाया गया था। फातिमा जब भारत आई थी तब वह गर्भवती थी तथा 14 अप्रेल में उसे प्रसव पीड़ा होने पर एक निजी अस्पताल ले जाया गया था। जहां पर उसने एक पुत्र को जन्म दिया था।
रशीद खान ने बताया कि चिकित्सालय रिकार्ड से स्थानीय नगर परिष्ाद द्वारा सोहेल खान पुत्र मीर मोहम्मद व फातिमा के नाम से जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया गया था। रशीद खान ने बताया कि फातिमा अपने पिता के देहांत पर मां से मिलने जैसलमेर आई थी तब वह 7 महिने की गर्भवती थी तथा डेढ़ महिने के वीजा पर आई थी लेकिन बासनपीर में किसी कार्यवश पिता उसे मजबूरन यहां रूकना पड़ा था। एक महिने का वीजा बढ़वाना पड़ा। इसी दौरान उसके बेटा उत्पन्न हो गया। अब भला 10 दिन के नवजात बच्चे को भारत में किसके भरोसे छोड़ जाए।
उधर, नगरपरिषद के आधिकारिक सूत्रों ने पाकिस्तान दंपति फातिमा व मीर मोहम्मद लहर के भारत में जैसलमेर के एक निजी हॉस्पीटल में जन्मे नवजात बच्चे सोहेल खान के नाम जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की पुष्टि करते हुए बताया कि निजी चिकित्सालय से उन्हें रिकॉर्ड व वीजा पासपोर्ट की कॉपी के आधार पर सीरियल नम्बर 1352 एवं 21 अप्रेल को बर्थ सर्टिफिके ट जारी किया गया है।
उधर, मुनाबाव से नवजात बच्चे का पासपोर्ट न होने के बाद आब्रजन अधिकारियों द्वारा उसे वापिस लौटाने के बाद ये दंपती अपने परिवार के साथ रविवार को जोधपुर पहुंचा तथा नवजात बच्चे का पासपोर्ट वीजा बनवाने के लिए पाकिस्तान दूतावास नई दिल्ली के लिए रवाना हो गया। इस दंपती का वीजा 6 मई को समाप्त हो रहा हैं। –
भारत में जन्मा नवजात, पाकिस्तान का लेने से इनकार
chandan singh bhati