अरांई। 21वीं सदी में जहाँ हमारा देश कहीं आगें निकल विकसित देशों की कतार में खड़ा है। वहीं अभी भी वैचारिक दृष्टि से हम बहुत पीछे है। इसका ताजा उदाहरण तहसील मुख्यालय की समीपवर्ती ग्राम पंचायत दादिया में शनिवार कों बैक के उद्द्याटन समारोह में देखने को मिला। जहॉ अजमेर जिला प्रमुख सीमा माहेश्वरी २१ वीं सदी की जीती जागती मिसाल थी वहीं दादिया सरंपच सुगनी देवी पुरानी सदी को दर्शा रही थी। हम जिस बदलाव की बात करते है वो क ैसे सम्भव है जब नेतृत्व करने वाले ही उन परम्पराओं के साथ जी रहे है। इस दृश्य को देखकर एक कवि की ये पक्तियां सटीक बैठती है। दरिया की कसम मौजों की कसम, ये ताना बना बदलेगा, तू खुद को बदल, तू खुद को बदल तबही तो ये जमाना बदलेगा।
-मनोज सारस्वत

santosh
thanks manoj very nice