नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल के नेता पद पर नियुक्ति के विवाद में कांग्रेस सेवादल के शहर संगठक विजय नागौरा का पद गया और पूर्व पार्षद शैलेन्द्र अग्रवाल को उनकी जगह पर तैनात कर दिया गया। दो दिन बाद ही नागौरा को प्रदेश में संगठक बना दिया। इस उठापटक के बीच अचानक शहर कांग्रेस के उपाध्यक्ष कैलाश झालीवाल ने भी प्रदेश संगठक का पद छोड़ दिया तो सबका चौंकना स्वाभाविक है। उनका तो किसी ने नाम भी नहीं लिया था। उनका कहना है कि वे एक व्यक्ति एक पद के आधार पर पद छोड़ रहे हैं, मगर यह बात गले नहीं उतर रही। अगर ऐसा ही है तो नागौरा को ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष होने के बाद भी प्रदेश संगठक कैसे बना दिया गया? कानाफूसी है कि या तो झालीवाल यह आभास हो गया था कि उन्हें हटाया जा रहा है, इस कारण चला कर इस्तीफा दे दिया या फिर यह उनकी कोई चाल है। समझा जाता है कि जैसे ही नागौरा को दुबारा दूसरे पद पर नियुक्त किया गया तो उसकी काट करने के लिए झालीवाल ने अपने एक पद से इस्तीफा दिया है, ताकि सेवादल हाईकमान पर दबाव पड़े कि वे नागौरा की नियुक्ति इस आधार पर रद्द करें कि वे ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी हैं। यहां कहने की जरूरत नहीं है कि झालीवाल मेयर बाकोलिया खेमे के हैं और संभव है मेयर विरोधी खेमे के नागौरा को झटका देने के लिए यह पैंतरा चला हो।