नेताओं को संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिये-दरगाह दीवान

dargaah deevan 4अजमेर 15 अप्रेल । सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वंशज एवं सज्जादनशीन मुस्लिम धर्म प्रमुख दरगाह दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिये उन्होने कहा कि देश कि ऐकता और अखण्ता के लिऐ भड़काउ भाषणों और सांम्प्रदायिक वक्तव्ओं से परहेज रखकर सभी धर्मो का सम्मान करते हुए ऐसा माहौल बनाने की आवश्यकता है जिसमे किसी धर्म या साम्प्रदाय की धार्मिक भावना आहत ना हों और देश विकास की और अग्रसित हो।
अजमेर दरगाह प्रमुख एवं धर्म गुरू दीवान सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने एक ब्यान जारी कर कहा कि मौजूदा समयमें कई राजनीतिक दलों के नुमाईदों द्वारा लगातार की जा रही ब्यानबाजी से मजहबों के बीच कटूता एवं वैम्नस्यता को माहौल बन रहा है जो राष्टीय एकता के लिये खतरा है और यह देष की देश की गंगा जमनी तहजीब के लिये खतरनाक है।
दरगाह दीवान का कहना था कि देश के नेताओं के पास ज्ञान का अथा भण्डार है जिसको नकारात्मक ब्यान देने के बजाए साकारात्मकता के लिऐ उपयोग करे ताकि देश विकास के पथ पर अग्रसित हो। उन्होने शिव सेना सांसद संजय राउत और एम आई एम सांसद असवदुद्दीन ओवैसी द्वारा लग्रातार की जा रही भड़काउ ब्यानबाजी देश की सामाजिक ऐकता के लिये खतरनाक है इन नेताओं कों ऐसे ब्यानबंद करके देश के विकास आपसी प्यार मोहब्बत का संदेश देना चाहिये ताकी सभी कौमे तरक्की करें और मुल्क को फिरकापरस्ती से मुक्त किया जाऐ।
डन्होने कहा कि समूचे विश्व की निगाहें भारत को एक विकसित और विकासशील ताकत के रूप में देख रही है जिसको पूरा करने के लिऐ सभी राजनितीक दलों को और बुद्धीजिविओं को जातपात और धर्म की राजनिती से उपर उठकर एक रूपता काम करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि भारत का युवा वर्ग विकास और कम्युटर तकनीक की बात कर रहा है न कि धर्म और जात पात की ऐसे में भड़काउ ब्यानबाजी करने वाले नेता देश के युवावर्ग को क्या संदेश देना चाहते है।
दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान
वंशज एवं सज्जादानशीन (दरगाह दीवान)
ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर शरीफ

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