भैय्या सुना है कि ईक्कीस जून २०१५को संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में भारत की पहल पर विश्व के लगभग १७५ देशों में (४६ मूस्लिम देशों सहित ) योग दिवस मनाया जाएगा । जिसके प्रणेता भारतीय प्रधान मन्त्री ही है । और २१ जून को ही भारत के प्रधानमंत्री राजपथ (जनपथ )पर अनुलोम ,विलोम , कपाल भाती या फिर भाँति भाँति मुद्राओं मे योग की शिक्षा देते नजर आएँगे । योग योग ही हैः जो हमारे ऋषियों की देन है आज से पाँच हजार वर्ष पूर्व माहृषि पतँजलि ने योग के सूत्रों को स्थापित किया था । सम्पूर्ण योग ८चरणो मे है (1) यम (2)नियम (3)आसान (4)प्राणायाम (5) प्रत्याहार (6) धारणा (7) ध्यान (8)समाधी । हम तो हैरान और परेशान है कि आखिर अष्टांग योग का योग जून माह में दिल्ली में ही क्यों बनता है एक योग गुरु जो देश भर में घूम घूम कर योग बेचते थे एक दिन बेचारे दिल्ली के रामलीला मैदान में अष्टांग योग करने पहुँच गए थे । बेचारे करना तो अष्टांग योग चाहते थे लेकिन जब उन्होंने अपने पचास हाजार शिष्यों को भी बुलावा भेजा तो सरकार भी हिल गई की शायद गुरु जी सरकार को ही शीर्ष आशन कराना चाहते हैं ! सरकार भी उतर आई निचले आशन पर और सशस्त्र बलों के द्वारा योग गुरु को ही अष्टांग योग के स्थान पर छलांग उयोग करने पर मजबूर कर दिया ? बेचारे रात के अँधेरे में तो छल्लांग लगा कर किसी तरह मंच से भाग कर निकल गए परंतु दिन के उजाले में जब वह किसी महिला के वस्त्र पहन कर जान बचा कर भाग रहे थे पुलिश द्वारा धार लिए गए क्योंकि दाढ़ी दुश्मन बन कर बीच आ गई थी ? बाबा भी गजबके जीवट निकले और प्रतिज्ञा ही कर डाली की जब तक दिल्ली की सरकार को अपदस्त नहीं करदूंगा तब तक दिल्ली नहीं जाऊँगा ।और ऐसा हो भी गया 2014 के आम चुनाक में सत्ता का परिवरतन भी हो गया ।
लेकिन कितना गजब का संयोग है कि जिस योग को पूरी दुनिया में बेच बेच कर बाबा ने हजारों करोड़ का साम्राज्य स्थापित किया है उसी योग की बदौलत अपनी ब्रांडिंग करने के लिए प्रधान सेवक जी लालायित है और आगामी 21 जून को राजपथ पर शिर्षासन करते हुए दिखाई देंगे । लेकिन हमे तो एसा लगता है कि देश सहित दुनिया भर के योग शिक्षकों , दवा बनाने वाली कम्पनियों और डाक्टरों की रोजो रोटी सहित लाखों करोडों दवा विक्रेताओं कि दुकाने भी बन्द हो जायेगी । क्योंकि भारतीय मिडिया द्वारा ऐसा ही प्रचारित किया जा रहा कि “‘एक योग द्वारा शरीर की एक सौ बिमारियों को खत्म किया जा सकता है” लेकिन हमें तो डर लगने लगा है कि जब योग से सारे रोग ही समाप्त हो जायगें तो परिणाम स्वरूप जो लोग बेरोजगार होगे उस फौज को कहाँलगाया जायगा? बडे यतन से योगी से व्यापारी बने योग गुरू की दुकान भी बंद हो जाएगी। तो क्या योग गुरू फिर सरकार से टकराएगे ? लोग अब इस बात पर यकीन करे या न करें यह इस बात पर निर्भर करता है विगत मे दिखाए गये सपनो की तरह कहीँ यह भी जुमला ही न साबित हो ? जिस प्रकार लाल कालीन बिछा कर विदेशी महमानो का स्वागत करने भर से ही पूरे देश से भ्रष्टाचार समाप्त हो गया है तथा जिस प्रकार काले धन मे से १५लाख रुपए की आश मे आठ करोड लोगो के बैंक मे खाते खोले या जैसे १०० दिनों में महंगाई समाप्त होने के बजाय ३६५ दिनो मे दुगनी हो गई है ? भ्रष्टाचार देश से ऐसे समाप्त हो गया है जैसे एक बहुत ही निरीह जानवर के सिरसे सींग गायब हो गए हो ?
मन तो हमारा भी करता हैकि हम भी २१ जून को अपनी गली के नुक्कड पर जहाँ सरकारी नल से महिलाएं पानी भरती हैं वहाँ चौक पर दोस्तों सहित शीर्षासन करे पर मजबूरी है कि इस सत्तर वर्ष की आयु में अब शव आसन के अतिरिक्त कुछ होता ही नहीं ।
SPSingh,Meerut