संतों के प्रवचन में उमड़ा हर समाज के श्रद्धालुओं का सेलाब
14 को बिजयनगर में होगा संतों का भव्य प्रवेश
नसीराबाद, 12 जुलाई। राष्ट्र-संत ललितप्रभ सागर महाराज ने कहा कि चेहरा देना कुदरत का काम है, और चेहरे को रंग देना भी कुदरत का ही काम है, पर जीवन को देखने और जीने का ढंग कैसा हो यह अपने आप पर है। जीवन ऐसा जिएँ जो खुद के साथ औरों को भी इंद्रधनुषी रंग जैसा सुकून दे। उन्होंने कहा कि जिंदगी एक बाँसुरी है। उसमें दुख रूपी छेद तो बहुत सारे हैं पर जिसको बाँसुरी बजानी आ जाती है वह उन छेदों में से भी मीठा संगीत पैदा कर लेता है। भले ही जिंदगी जलेबी की तरह टेढ़ी-मेढ़ी जरूर होती है पर मुस्कान की चासनी अगर हम लगाते रहेंगे, तो यह भी सबको मधुर लगेगी।
संत ललितप्रभ ओसवाल समाज द्वारा सदर बाजार में आयोजित रात्रिकालीन प्रवचन समारोह में हजारों सत्संग प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिंदगी में हर किसी को अहमियत दीजिए। विश्वास रखिए, जो अच्छे होंगे वे आपका साथ देंगे और जो बुरे होंगे वे आपको सबक देंगे। उन्होंने कहा कि जिंदगी में सदा खुश रहिए, गम को भूला दीजिए। न खुद रूठिए, न दूसरों को रूठने का अवसर दीजिए। खुद भी हँसकर जीने की कोशिश कीजिये और दूसरों को भी हँसाकर जीना सिखा दीजिये।
मेहंदी के पतों की तरह बनें – संतप्रवर ने कहा कि कभी भी पीपल के पत्तों जैसा मत बनिए, जो वक्त आने पर सूखकर गिर जाते हैं। जिंदगी में हमेशा मेहन्दी के पत्तों की तरह बनिए, जो खुद घिसकर भी दूसरों की जिंदगी में रंग भर देते हैं। हमारी जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी। अगर इसमें अच्छे रंग मिलाओगे, तो तस्वीर सुन्दर बन जाएगी और अच्छे कर्म करोगे तो आपकी तकदीर सँवर जाएगी।
जोड़ने का काम करें-संतप्रवर ने कहा कि हमेशा जोडने की कोशिश कीजिए, तोडने की नहीं। संसार में सूई बनकर रहिए, कैंची बनकर नहीं। सूई 2 को 1 कर देती है और कैंची 1 को 2 कर देती है। हम दुनिया में गाय की तरह रहें, साँप की तरह नहीं। गाय घास खाती है पर बदले में दूध देती है और साँप दूध पीता है पर बदले में जहर देता है। जो गाय की तरह रहेंगे वे गोविन्द की तरह पूजे जाएँगे और जो साँप की तरह रहेंगे वे शैतान कहलाएँगे।
भजन पर झूमे श्रद्धालु-कार्यक्रम में मुनि शांति प्रिय सागर ने जब जोश जगाएं होश बढ़ाएं आसमान को छू लें हम, नई सफलताओं के सपने इन आंखों में भर लें हम…भजन गुनगुनाया तो श्रद्धालु जोश से भर गए।
संतो का किया स्वागत-इससे पूर्व ओसवाल समाज के अध्यक्ष निहालचंद पोखरना, उपाध्यक्ष अशोक लोढ़ा, मंत्री पारसमल सुराणा, कोषाध्यक्ष सरदारमल सुखलेचा, सुशील कवाड़, राजीव जैन, नरेन्द्र लोढ़ा, राजेन्द्र बोहरा, चेतन संखलेचा, राहुल पोखरना ने संतों का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
14 को बिजयनगर में होगा संतों का भव्य प्रवेश -लाॅयंस क्लब राॅयल के शांतिलाल चपलोत ने बताया कि संतों का बिजयनगर में 14 जुलाई मंगलवार को सुबह 8 बजे भव्य मंगल प्रवेश होगा साथ ही संतों की 14 से 18 तक पंचदिवसीय विराट प्रवचनमाला कृषि मंडी प्रांगण में प्रतिदिन रात्रि 8 से 10 बजे तक आयोजित होगी।