क्या सोमनाथ देश द्रोही है जो उसे सहायता करने वालों को दोषी बनाने के हथकंडे अपना रही है दिल्ली पुलिस ? क्योंकि सोमनाथ भी क़ानून का ज्ञाता है और उसी क़ानून के दायरे में अपनी गिरफ्तारी से बचने और अपने आप को छुपाने के लिए किसी न किसी से सहायता भी ली ही होगी ? हमें तो ऐसा लगता है कि यह केवल। बर्चस्व की जंग है ? क्योंकि सोमनाथ की पार्टी के मुख्य मंत्री , अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को ठुल्लु कहा था अब दिल्ली पुलिस की बारी है और दिल्ली पुलिस ने इससे पहले भी दिल्ली के कानून मंत्री को कानून सिखा भी दिया है ? माना की कानून सभी के लिए बराबर है किसी के साथ भेदभाव नहीं करता ? मान लो की कल कोई सर फिरा व्यक्ति एक ऍफ़ आई आर करता है की हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी को पिछले 50 वर्षो से मानसिक यातना पहुँचाई है और वैवाहिक सुखो से अमानवीय तरीके से वंचित रखा है और दूसरी ओर वह स्वयं दुनिया के सभी सुखों का निर्बाध भोग करते है ? तो क्या दिल्ली पुलिस इतनी ही तेज गति से कार्य करेगी शायद नहीं ? तो फिर कानून सबके लिए एक समान किस प्रकार से है?
SPSingh । Meerut
