उडी हमले में जिसमे हमारे 18 जाँबाज सैनिक शहीद हुए उसके दस दिन बाद भारत के प्रधान मंत्री मन से मन की बात करते है हुए कहते है की शांति एकता और सद्भाव के माध्यम से समस्यों का समाधान किया जा सकता है ? हमें उनका या प्रवचन बहुत अच्छा लगा कि वह अब आसमान से उतार कर हकीकत से वाकिफ हो रहे हैं अन्यथा उनके 2013 -14 के प्रचार के वीडियो उनके गर्वीले और बेवकूफी से भरे भाषण अपनी कहानी स्वयं कहते हैं । साथ ही उनका यह कथन की “सेना बोलती नहीं पराक्रम दिखती है” 100 प्रतिशत सही है इस लिए हम ही नहीं पूरा भारत यह चाहता है की सेना को उसके अपने हिसाब से काम करने के लिए पूरी छूट मिलनी चाहिए और नेताओं को डर्टी पॉलिटिक्स से दूर रहना चाहिए क्योंकि पिछले 70 वर्षों में सेना ने जो भी युद्ध में प्राप्त किया हमारे देश के नेताओं ने उसे समझौते की मेज पर खो दिया ? वैसे भी फ़ौज के विशेज्ञों के अनुसार कश्मीर में एलओसी कोई मायने नहीं रखती या केवल युद्ध विराम की पुष्टि करती है इस लिए अगर पाकिस्तान कश्मीर में युद्ध विराम का उलंघन करता हैं तो हमे एलओसी क्रास करने से कोई नहीरोक सकता और हमे ऐसा ही करना चाहिए एलओसी को समाप्त ही कर देना चाहिए और पाकिस्तको उसकी अंतराष्ट्रीय सीमा तक ही सिमित कर देना चाहिए ? और ऐसा केवल फ़ौज ही कर सकती है?
एस पी सिंह । मेरठ