जिले के संस्थान ले सकेंगे प्रशिक्षित अपरेंटिस का लाभ

संस्थानों को मिलेगा स्टाईफण्ड का रिफण्ड
प्रशिक्षुओं को प्राप्त होगा आईटीआई प्रमाण पत्रा
अजमेर 24 अप्रेल। भारत सरकार के कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के द्वारा जिले के संस्थानों को प्रशिक्षित अपरेंटिस (शिक्षु) को नियोजित करने पर उनकों दिए गए पारिश्रमिक को स्टाईफण्ड की श्रेणी में मानते हुए नियमानुसार रिफण्ड किया जाएगा।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि जिले के संस्थानों को शिक्षुता अधिनियम 1961 एवं संशोधित नियम 1992 के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। इसका लाभ 6 से 39 तक कार्मिकयुक्त प्रतिष्ठान ले सकते है। साथ ही 40 एवं उससे अधिक कार्मिक संख्या वाले प्रतिष्ठानों के लिए इसे अनिवार्य किया गया है। ये कार्मिक नियमित, ठेके पर अथवा सिजनल हो सकते है। न्यूनतम 2.5 एवं अधिकतम 10 प्रतिशत तक शिक्षुओं को नियोजित किया जा सकता है। नियोजित शिक्षुओं को कार्य के दौरान स्टाईफण्ड प्रदान किया जाएगा। इस स्टाईफण्ड की 25 प्रतिशत राशि संस्थान को रिफण्ड की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठान क¨ शिक्षु रुपी ओन जाॅब ट्रेनी मिलता है एवं शिक्षु क¨ प्रशिक्षण के साथ साथ मानदेय। जहां एक ओर कर्मचारी की अनुपलब्धता के चलते लेबर नह° मिलती वही शिक्षु रुपी ट्रेनी केवल निर्धारित मानदेय पर भी प्रतिष्ठान की जरूरत अनुसार किसी भी रैलिवैंट ट्रेड म­ रखा जा सकता है (आईटीआई या फ्रेशर)। शिक्षु रखने पर प्रतिष्ठान क¨ सीएसआर का भी लाभ मिलता है। शिक्षु को प्रशिक्षण के दौरान प्रथम वर्ष राज्य सरकार द्वारा अर्द्धकुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित मजदूरी का 70 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष 80 प्रतिशत तथा उसके पश्चात 90 प्रतिशत स्टाईफण्ड प्रदान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि होटल व्यवसाय में स्टेवर्ड, कुुकिंग सहायक, फ्रंट आॅफिस सहायक, हाॅउस किपिंग, फ्रिज एण्ड एसी, फ़ूड प्र¨डक्शन, ह¨टल क्र्लक, रिसेप्शनिस्ट, फ़ूड एंड बेवरेज, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर और हाॅस्पिटल व्यवसाय के लिए लैब असिस्ट­ट, लैब तकनीशियन रेडिय¨ एंड का£डय¨, हाउस कीपर (हाॅस्पिटल), मैकेनिक मेडिकल , वेस्ट मटेरियल मेनेजम­ट सहायक, कम्प्यूटर सहायक एवं ओपेरटर, रिसेप्शनिस्ट, ड्राईवर, फिटर, इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, प­टर, क्लीनर इत्यादि कार्य शिक्षुओं से करवाएं जा सकते है। इसी प्रकार के 259 व्यवसायों के लिए भी प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इस शिक्षुता प्रशिक्षण योजना में आईटीई प्रशिक्षित व्यक्तियों के साथ-साथ 14 से 21 वर्ष की आयु तक के अप्रशिक्षित फ्रेशर्स जुड़ सकते है। आईटीआई प्रशिक्षित, डयूल मोड आईटीआई प्रशिक्षित, प्रधानमंत्राी कौशल विकास योजना के लिए अधिकतम आयु की सीमा नहीं रखी गयी है। फ्रेशर्स के दौरान प्रशिक्षित की तरह स्टाईफण्ड मिलेगा। प्रशिक्षण उपरान्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने पर राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाण पत्रा प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाण पत्रा राजकीय, निजी क्षेत्रा, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों एवं विदेशों में रोजगार प्राप्ति के लिए सहायक होगा। रेलवे, रोडवेज, होटल, मेडिकल एण्ड हैल्थ, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग में भी रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। स्वरोजगार आरम्भ करने वालों को प्रधानमंत्राी मुद्रा योजना के द्वारा ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले शिक्षु को क्षेत्राीय शिक्षु कौशल प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है। क्षेत्राीय स्तर पर प्रथम एवं द्वितीय आने पर 10 हजार व 5 हजार का पुरस्कार प्रदान किया जाता है। क्षेत्राीय प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय आने वालों को राष्ट्रीय शिक्षुता प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिलता है। इसमें प्रथम आने पर 50 हजार और द्वितीय आने पर 25 हजार का पुरस्कार व मैरिट प्रमाण पत्रा प्रदान किया जाता है।
उन्होंने बताया कि शिक्षुओं एवं संस्थानों को भारत सरकार के पोर्टल अपरेंटिसशिप डाॅट जीओवी डाॅट इन पर आॅनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के पश्चात समस्त प्रक्रियाएं आॅनलाइन सम्पादित होती है। जिले में प्रतिष्ठानों एवं शिक्षुओं को योजना से लाभान्वित करवाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य श्री नरेश शर्मा, सर्वेयर श्री शैलेन्द्र माथुर, जिला रोजगार कार्यालय एवं आरएसएलडीसी का संयुक्त कार्यदल बनाया गया है। इसमें कारखाना एवं बाॅयलर विभाग, जिला उद्योग केन्द्र, श्रम विभाग, पर्यटन विभाग तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा। जिले में अब तक 80 संस्थान इस योजना का लाभ लेने के लिए जुड़ चुके है।

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