बाड़मेर 07 जुन
राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग ने बाड़मेर जिले में आरक्षण से वंचित जातियों की आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए सर्वे करना आरंभ कर दिया है। यह सर्वे जिले की दोनों नगर परिषदों के तीन तीन वार्डो और प्रत्येक तहसील क्षैत्र की दो दो ग्राम पंचायतों में किया जायेगा।
फिल्ड कोर्डिनेटर सुभाष जाट ने बताया कि इस सर्वे का उद्देष्य आरक्षण से वंचित वर्गो की आरक्षित वर्ग मुकाबले वास्तविक आर्थिक स्थिति का पता लगाना है। इस सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार करके आयोग राज्य सरकार को सौपेंगें। उन्होनें बताया कि आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्गो की वास्तविक आर्थिक स्थिति के बारे में परिमाणात्मक आंकड़े तय करके ही हिदायत हाईकोर्ट ने सरकार को दी है, जिस पर सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। आयोग इस दिषा में गंभीरता से काम कर रहा है। जाट ने बताया कि सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि अगर आरक्षण से वंचित ब्राहमण, वैष्य, कायस्थ आदि जातियों में आज भी गरीबी है तो उसे कैसे दूर किया जा सकता है। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो को सामाजिक रूप से हेय दृष्टि से देखा जाता है। उन्हें पढाई के पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाते। सर्वे में पता लगाया जाएगा कि आरक्षण से वंचित वर्गो में कितने फीसदी लोग आर्थिक रूप से विपन्न है।ं और उनके लिए किस तरह की योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
यह सर्वे का फार्मेट
जाट ने बताया कि सर्वे के दौरान जिस फार्मेट का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसमें परिवार के मुखिया के बारे में जानकारी, उसकी जरूरतों, परिवार के लिए वांछित आवष्यकताओं, आजादी के बाद उस परिवार की आर्थिक स्थिति में आए परिवर्तन यानी आर्थिक स्तर घटा या बढा, पचास साल में उस परिवार मे से कोई जन प्रतिनिधि थे या नहीं, अब कोई जनप्रतिनिधि है या नहीं, आरक्षित जातियों के मुकाबले इस परिवार में षिक्षा का स्तर घटा है या बढा हैं, जैसे बिन्दुओं पर जानकारी शामिल की जाएगी।
इनका कहना है –
आरक्षण से वंचित वर्गो के कितने प्रतिषत लोग आर्थिक रूप से कमजोर है और उन्हें समाज के अन्य वर्गो के समकक्ष लाने के लिए क्या योजनाऐं बनाई जानी चाहिए, इसके आंकड़े जुटाने के लिए बाड़मेर जिले समेत पूरे राज्य में सर्वे आरंभ किया गया है। सभी संबंधित लोग सर्वे के लिए पहुंचने वाली टीमों का सहयोग करें तो आयोग को वास्तविक रिपोर्ट तैयार करने मे मदद मिलेगी।
सुभाष जाट फिल्ड कोर्डिनेटर
