एक कृत्य ऐसा जरूर करना जिससे तुम्हारें मां-बाप का सम्मान हो

DSC05929मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि तुम ये मत समझना कि मैं अपने दम पर मुनिव्रत पाल रहा हँू। मुनिव्रत की रक्षा का 1 भाग उसे भी जा रहा है जो सीमा पर बंदूक चला रहा है और मर रहा है और मार रहा है। आज मंदिरों की रक्षा भी वे ही सैनिक कर रहे है और ये न होते तो मंदिर खण्डर बन जाते है और कई पहले बने भी है।
ये बात मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में चल रहे प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत में राजस्थान ही वो जगह है जिसमें सबसे ज्यादा दूसरे राजाओं ने आक्रमण किए है इसी का प्रमाण है कि यहां कई मंदिर तलघर में बने है, भूगर्भ से भगवान की मूर्तियों भी सबसे ज्यादा यहीं मिली है। पहले के लोग आक्रमण के डर से मंदिर को तलघर में बनाते थे और खतरा होने पर भगवान की मूर्तियों को भूगर्भ में छिपा देते थे।
मुनिश्री ने कहा कि महाराज तुम्हारें घर में आहार करने नहीं जाते तुम्हारे घर को पावन करने जाते है। आहार लेने से पहले जो तुमसे गुटखा, शराब और रात्रि भोजन का त्याग कराते है बताओं इसमें हमारा निजी स्वार्थ क्या है? हम चाहते है जिस घर में हम आहार करके आए है उस घर के व्यक्ति को केंसर ना हो, उस घर की दुर्गति ना हो।
मुनिश्री ने कहा कि अगर बाप शराब पीएं और वो छोड़ नहीं रहा है तो तुम उसे कहो की हम सब भी शराब पीना शुरू कर रहे है। क्योंकि आप कोई काम कर रहे हो तो हमारी तो यही धारणा है कि अच्छा काम ही कर रहे हो। बाप से कहो कि बुरी है तो तुम भी छोड़ो अच्छी है तो हम भी पीएंगे। ऐसा नाटक करो और अगर पीना भी पड़े तो पी लो। ये शराब छुडाने का तरीका है। मेरा दावा है शराबी बाप शराब छोड देगा। मुनिश्री ने कहा कि जो तुम अपने से छोटों से पसंद नहीं करते हो वो काम तुम मत करो। छोटे ये नियम ले ले जो कार्य मेरे बड़े नहीं करते वो मैं नहीं करूंगा, तो तुम्हारा बेड़ा पार हो जाएगा।
मुनिश्री ने कहा कि जब तक तुमको अपने आप पर अपनी नजरों में तुम्हारी इज्जत नही होगी, अपने पर गर्व नहीं होगा, तो परिवार, समाज और गुरू की नजरों में तुम्हारी इज्जत कभी नहीं हो सकती। अपने व्यापार पर, अपने परिवार पर, अपनी पत्नि पर गर्व करों। बेटा अपने बाप पर तो गर्व कर सकता है जिस दिन बाप अपने बेटे पर गर्व कर लेता है, वहीं कुल कहलाता है भगवान महावीर का, भगवान राम का। मुनिश्री ने बेटों से कहा कि जीवन में एक कृत्य ऐसा जरूर करना जिससे तुम्हारें मां-बाप का सम्मान हो उनको गर्व हो तुम्हारे बेटे होने पर।
ये रहे श्रावक श्रेष्ठी
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन का सौभाग्य आर.के. परिवार व राजकुमार गर्वितकुमार रांवका ब्यावर वालो को मिल। शांतिधारा के पुण्यार्जक त्रिलोकचंद कासलीवाल, ऋषभ कुमार मनीष कुमार, निर्मल कुमार उर्मिला नमन कुमार परिवार रहे।
इस अवसर पर आर.के. परिवार के अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी, निरंजन बैद, राजीव गंगवाल, चेतन पाण्ड्या, प्रकाशंचद गोधा, राजकुमार दोषी, महावीर गंगवाल, महेन्द्र पाटनी, प्रदीप गंगवाल, निर्मलकुमार छाबड़ा, राजकुमार काला, संजय छाबड़ा, सुनिल गदिया, विनोद चौधरी, राजेन्द्र चौधरी, अशोक पाटनी (उत्कृष्ट), अशोक कासलीवाल, सुभाष गंगवाल आदि लोग मौजूद थे।

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