एस.गुरूमूर्ति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संस्कृति आधारित समाज केन्द्रित बताया
विद्यालयों में जीवन मूल्यों की शिक्षा का वातावरण बने – शिक्षा राज्य मंत्राी
अजमेर, 28 जुलाई। शिक्षा राज्य मंत्राी श्री वासुदेव देवनानी ने नई पीढ़ी का आह्वान किया है कि वह जीवन मूल्यों के प्रति निष्ठावान रहे। भारतीय संस्कृति में नदी, पेड़ तक को पूजने की परम्परा रही है। इसी से भारत विश्वगुरू था और आगे भी रहेगा।
श्री देवनानी आज यहां ‘इनिसिएटिव फाॅर मोरल एंड क्लचरल ट्रेनिंग फाउण्डेशन’ की जयपुर इकाई द्वारा आयोजित विद्यालयों में संस्कार निर्माण विषयक संगोष्ठी में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विद्यालयों में नैतिक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। पाठ्यक्रम में महापुरूषों और प्रेरक व्यक्तित्यों के पाठ सम्मिलित किए गए हैं। उद्देश्य यही है कि नई पीढ़ी उससे संस्कारित हो। उन्होंने विद्यालयों में सांस्कृतिक मूल्यों, जीवन से जुड़े मानवीय सराकारों की शिक्षा प्रदान करने का वातावरण बनाए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बदलते हुए समय में यह जरूरी है कि हम वैश्विक हों परन्तु इससे भी अधिक जरूरी यह है कि हमारा चिंतन भारतीयता से ओतप्रोत रहे।
देश के जाने-माने चिंतक एवं अर्थशास्त्राी श्री स्वामीनाथन गुरूमूर्ति ने कहा कि संस्कृति आधारित अर्थव्यवस्था का हमारा मूल समाज है। उन्होंनंे बचत की भारतीय प्रवृति की चर्चा करते हुए कहा कि इसके मूल में हमारा जिम्मेदार रवैया होना है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उधार लेकर खर्च करने पर जोर है। बचत की संस्कृति वहां नहीं है इसलिए कि वहां जिम्मेदारी नहीं है। इसीलिए परिवार बिखर रहे हैं, जीवन मूल्यों से उनका सरोकार समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय परिवार व्यवस्था इसीलिए शास्वत है कि वहां मानवीय सरोकार हैं। अर्थव्यवस्था का आधार धन नहीं बल्कि परिवार है।
इस अवसर पर आईएमसीटी के श्री शशिकांत एवं शुभकरण शर्मा ने कहा कि ‘इनिसिएटिव फाॅर मोरल एंड कल्चरल ट्रेनिंग फाउण्डेशन’ का आदर्श ही मूल्यों का निर्माण ही राष्ट्र निर्माण है।
राजस्व अधिकारियों की वीसी 29 जुलाई को
अजमेर, 28 जुलाई। जिले के राजस्व अधिकारियों की वीडियो काॅन्फ्रेसिंग जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल की अध्यक्षता में शनिवार 29 जुलाई को प्रातः 11 बजे अटल सेवा केन्द्र से आयोजित की जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री अबु सूफियान चैहान ने दी।