बीकानेर/जयपुर।
अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना कम्प्यूटर आॅपरेटर महासंघ ने पीएचएस के सोमवार को दिए कथित बयान को बेतुका करार दिया है। महासंघ के प्रदेश प्रचार मंत्री विनय थानवी के अनुसार सोमवार को जब शासन उप सचिव ओर महासंघ के प्रतिनिधि मंडल के बीच वार्ता के दौरान सहमति नहीं बनी तो इसकी जानकारी वीणु गुप्ता को दी व उनसे आग्रह किया कि महासंघ की जायज मांगों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को अग्रेषित करे ताकि सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर सकारात्मक निर्णय ले सके इस पर श्रीमती वीणु गुप्ता ने महासंघ के लीडर्स को कहा कि आप लोगों को सारा काम करना पडेगा आपकी मांगे जायज नहीं है और हडताल करते हो तो दुसरे आॅपरेटर लगा लिए जाएगें बहुत मिलते हैं डिग्रीधारी बेरोजगार युवा।
महासंघ के प्रचार मंत्री थानवी का आरोप है कि राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग में इन दिनों उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों द्वारा अपने विभाग के ही विभिन्न संवर्गों के तहत स्थायी व अस्थायी रूप से कार्यरत कर्मचारियों की मांगों को गलत ठहराया जाता है। थानवी ने बताया कि इसको लेकर अपने अधिकारियों के प्रति कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है चाहे सेवारत चिकित्सक हो, लैब टेक्निशियन हो, एनआरएचएम कार्मिक हो अथवा एमएनडीवाई आॅपरेटर्स।
यह मामला मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में प्रदेश भर में कार्यरत 3764 मशीन विद मैन आॅपरेटर्स की मांगों पर विचार विमर्श करने को लेकर चिकित्सा विभाग ग्रुप-2 शासन उप सचिव पारसचंद जैन के साथ सोमवार को आयोजित हुई एक बैठक के दौरान असहमति बनने पर चिकित्सा विभाग की प्रमुख शासन सचिव द्वारा दिये गये बयान का है। जिसे महासंघ ने बेतुका करार दिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण योजना के तहत लगे मशीन विद मैन आॅपरेटरर्स अपने कत्र्तव्य स्थान के साथ साथ ई उपकरण, ई-साधन, ओजस, पीसीपीटीएस, निश्चय, ई-पहचान, ई लैब, आशा साॅफ्ट, एचएमआईएस, कायाकल्प आदि अन्या जनकल्याणकारी योजनाओ के तहत संचालित होने वाले आॅनलाइन साॅफ्टवेयर में बिना किसी अतिरिक्त पारिश्रमिक लिए कार्य कर रहे है।
एमएनडीवाई महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष वैशाली श्रीवास्तव ने पीएचएस द्वारा किये गये इस तरीके के बर्ताव की कडी निंदा करते हुए कहा कि जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री अपने आप को जनता का सेवक मानता है वहीं दुसरी तरफ प्रदेश के चिकित्सा विभाग में सर्वोच्च पद पर आसीन वरीष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा अल्पवेतन भोगी मध्यमवर्गीय कार्मिकों को अधिकारों की लडाई लडने पर निकाल देने की चेतावनी देना लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत दुर्भाग्यपूर्ण है ।
ये रहे प्रतिनिधि मंडल में शामिल
प्रदेशाध्यक्ष वैशाली श्रीवास्तव, संरक्षक नरेन्द्र वैष्णव, प्रदेश प्रचार मंत्री विनय थानवी, बांसवाडा जिलाध्यक्ष प्रशांत आचार्य, विकास जायसवाल, अनिल वर्मा।
ये थी महासंघ की प्रमुख मांगेंः-
मशीन विद मैन पद नाम बदलकर डेटा एंट्री आॅपरेटर में समायोजित करना।
सुराज संकल्प पत्र में सरकार द्वारा किये हुए वादे के अनुसार नियमितिकरण की नीति बनाना।
न्युतम वेतन 18000 प्रतिमाह करना
– मोहन थानवी