बीकानेर, 15 दिसम्बर। भारतीय मानक ब्यूरो नई दिल्ली एच.एम.डी.-13 सेक्शनल कमेटी द्वारा पशुचिकित्सा अस्पतालों के मानकीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित की गई। कार्यशाला में पशु चिकित्सालयों की योजना और शल्य चिकित्सा में उपयुक्त उपकरणों के मानकीकरण बाबत 50 विशेषज्ञों ने इसमें भाग लिया। वेटरनरी ऑडिटोरियम में कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि बीकानेर के महापौर श्री नारायण चौपड़ा ने कहा कि आजादी के बाद से कई क्षेत्रों में गुणवŸाा की गारंटी के लिए मानकीकरण का कार्य होना है। पशुचिकित्सा सहित फल, सब्जी और कृषि उत्पादों को भी बडे पैमाने पर इसके दायरे में लाने की आवश्यकता है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो और आई.एस.आई. मार्क उत्पाद लोगों के विश्वास और संतुष्टि के साथ ही गुणवŸाा युक्त उत्पाद की पहचान है। पशुचिकित्सा में मानकीकरण कार्यों से पशुधन उत्पादों के विदेशी व्यापार में आशातीत वृद्धि होगी। उन्होंने देश के किसी विश्वविद्यालय में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पहली बार कार्यशाला के आयोजन के लिए प्रशंसा की और बधाई दी। वेटरनरी विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में भारतीय मानक ब्यूरो एम.एच.डी.-13 के अध्यक्ष डॉ एम.सी. शर्मा ने कहा कि देश दुधारू पालतु पशुओं के उत्पादों में अव्वल है। दूध, ऊन, मीट और अंडे जैसे उत्पादों का अर्न्तराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध है लेकिन हम इनका निर्यात नहीं कर पाए हैं। पशु चिकित्सालयों और प्रयोग में लाए जा रहे उपकरणों में मानकीकरण का आभाव इसका प्रमुख कारण है। ब्यूरो ने ब्लॉक, जिला व राज्य स्तरीय पशु चिकित्सालयों के लिए प्रोटोकॉल व वैज्ञानिक उपकरणों के मानकीकरण निर्धारित किए हैं। उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार के निदेशक डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, राष्ट्रीय उष्ट्र उनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. एन.वी. पाटिल ने वैश्विक स्पर्द्धा और गुणवŸाापूर्ण उत्पादों के लिए मानकीकरण को अत्यंत आवश्यक बताया। वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने भारतीय मानक ब्यूरो की वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला को ऐतिहासिक बताते हुए राजुवास के पूर्ण सहयोग का विश्वास दिलाया। ब्यूरो के एम.एच.डी. हैड श्री प्रकाश बचानी ने कार्यशाला में ब्यूरो के कार्य की गतिविधियां बताई व उनके विभाग द्वारा किये कार्य से पशुचिकित्सा के मानकीकरण के लिए कार्य का ब्यौरा दिया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बनाए गये मानकों में आप सब का सहयोग भी आवश्यक है। प्रारंभ में कार्यशाला के संयोजक और राजुवास के निदेशक क्लिनिक्स प्रो. जे.एस. मेहता ने बताया कि कार्यशाला के दो तकनीकी सत्र में विचार-विमर्श किया गया जो आने वाले समय में देश को ओर भी विकास की तरफ ले जाएगा। समारोह में प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. ए.पी. सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एस.सी. गोस्वामी, कुलसचिव प्रो. हेमन्त दाधीच, अनुसंधान निदेशक प्रो. आर.के. सिंह, और पी.एम.ई. निदेशक प्रो. राकेश राव सहित फैकल्टी सदस्य और छात्र-छात्राएं मौजूद थे। अंत में ब्यूरो के प्रमुख वैज्ञानिक के. राजा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
सादुलषहर की 34 कृषक महिलाओं द्वारा राजुवास में पोल्ट्री और तकनीकी म्यूजियम का अवलोकन
बीकानेर, 15 दिसम्बर। उपनिदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक आत्मा श्री गंगानगर के सौजन्य से अन्तर राज्य कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत सादुलषहर पंचायत समिति ब्लाक के 34 कृषक महिलाओं का एक दल शुक्रवार को वेटरनरी विश्वविद्यालय पहुँचा। वेटरनरी प्रसार शिक्षा के सहायक प्राध्यापक डॉ. अतुल शंकर अरोड़ा ने उन्हें डेयरी, पोल्ट्री फॉर्म का भ्रमण करवा कर पशु-पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के रखरखाव, पोषण, चिकित्सा और उपचार सेवाओं की जानकारी दी। कृषकों को भैंस की देशी नस्ल मुर्रा, मुर्गियों और बतखों की विभिन्न प्रजातियों के पालन और उनसे व्यावसायिक उत्पादन लिए जाने के बारे में विस्तार से बताया। सहायक कृषि अधिकारी करनजीत सिंह और हुक्माराम वर्मा दल प्रभारी रूप में साथ आए।
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