लोकसभा उपचुनाव के मतदान के पश्चात कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति जबरदस्त उत्साह देखा गया वहीं दूसरी और जुमलेवादी सरकार से रुष्ट मतदाताओं को भाजपा अंत समय तक भी मनाने में नाकाम रही। भाजपा ने नकारात्मक राजनीति का सहारा लेते हुए प्रशासनिक तंत्र का जमकर दुरुपयोग किया उसी के चलते सरकार ने कर्मचारियों की नाराजगी को भापत्ते हुए चुनाव ड्यूटी में लगे 20 हज़ार सरकारी कर्मचारियों को डाक मत पत्र जारी नहीं किया जाकर उन्हें मताधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र किया।
कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप रहा की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की जातिगत जनसंवाद की कार्रवाई भी जातिगत उन्माद फैलाने में असफल रही जिसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में उठाना पड़ा जिससे सभी जातियों का खुला समर्थन कांग्रेस को प्राप्त हुआ। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सुबह मतदान प्रारंभ होने के साथ ही भारी उत्साह था जो मतदान के ट्रेंड के साथ ही उतउत्तर बढ़ता गया वहीं दूसरी और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में हताशा साफ नजर आने लगी इसी हताशा और बौखलाहट का नतीजा रहा कि भाजपा के राज्यमंत्री स्तर के नेता वासुदेव देवनानी सड़क पर कांग्रेस के वार्ड अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी और शहर कांग्रेस सचिव मंजू सोनी से हाथापाई पर उतारु हो गए और उन्होंने महिला नेत्री से दूरव्यवहार करते हुए अभद्र भाषा का प्रयोग किया जो निंदनीय होते हुए किसी भी सूरत में नाकाबिले बर्दाश्त है।
बूथमुक्त कांग्रेस का सपना देखने वाले भाजपा नेताओं से विजय ने विनम्र निवेदन किया कि इन उपचुनाव के नतीजे से उन्हें बौखला ना नहीं चाहिए क्योंकि यह तो फिल्म का ट्रेलर मात्र है अभी तो दिसंबर 2018 में उनकी पार्टी को पूरी फिल्म देखने के लिए तैयार रहना चाहिए।

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