केकड़ी
भगवान महावीर के मुख्य पांच,सिद्धांत अहिंसा,सत्य,अर्चोर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह मात्र चर्चित नहीं हो – आचरित हो, चर्चा में ना हो – चर्या में हो, इनका पालन करना चाहिए तभी जीवन में सुख – शांति की बहार आ सकती है और साथ ही विश्व शांति भी आ सकती है। उक्त उद्गगार आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य क्षुल्लक श्री नयसागर जी महाराज ने व्यक्त किये। क्षुल्लक श्री विद्यासागर मार्ग स्थित चंद्रप्रभु चैत्यालय में महावीर जन्मकल्याणक महामहोत्सव में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहे, साथ ही उन्होंने कहा कि श्री जिनेन्द्र देव की शोभायात्रा की बड़ी महिमा है।भारत का लोकतंत्र भगवान महावीर के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए, जिससे समाज व राष्ट्र में सौहार्द, सामंजस्य, समृद्धि, एकता, भाईचारे,प्रेम व उपकार करने का सद्भाव बन जाए। अहिंसा सर्वोपरि एवं सब धर्मों का सार है। धर्मसभा से पूर्व समाज के वरिष्ठ सदस्य पूर्व पालिकाध्यक्ष भंवरलाल छाबड़ा द्वारा ध्वजारोहण किया गया तथा भगवान महावीर के चित्र का अनावरण और दीपप्रज्जवलन समाज के मंत्री कैलाश चंद सोनी द्वारा किया गया इनका स्वागत समाज के संरक्षक, अध्यक्ष ने किया। इसके पश्चात श्री दिगम्बर जैन स्कूल की बालिकाओं ने नृत्य सहित मंगलाचरण किया।स्मारोह के विशिष्ट अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष अनिल मित्तल का स्वागत वैध नंदकिशोर जैन द्वारा किया गया। मित्तल ने भगवान महावीर के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और जुलूस व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी। संरक्षक कैलाश चंद सोनी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंत में समाज के अध्यक्ष मनोज पाण्डया ने आभार व्यक्त किया ।मंच संचालन महावीर प्रसाद टौंग्या ने किया।
श्री जी के रथों मे सारथी का लाभ कैलाश चंद चेतन कुमार रांवका एवं मनीष कुमार आशीष कुमार टौंग्या ने प्राप्त किया। स्वर्ण-जडित रथों में श्री जिनेन्द्र देव को विराजित कर विशेष वस्त्रो को धारण कर श्रेयांस मोदी,संवेग कटारिया, राहुल गदिया के सानिध्य में अतिउत्साहित युवकों द्वारा रथों को संचालित किया गया। समाज जनों द्वारा भव्य शोभायात्रा जुलूस निकाला गया। भीषण गर्मी होने के बाद भी सैकडो की संख्या में बालक बालिकाऐ हाथों में जैन पताका लिए और पुरूष महिलाएं भगवान महावीर के संदेशों से लिखित अनेकों बैनर , तख्तियां लिए चल रहे थे। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के स्वर्णिम संयमोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य पर उनके आशीर्वाद से चल रहे अभियानों की जानकारी बैनर के माध्यम से दी। पुरूष वर्ग ने सफेद वस्त्र व महिला वर्ग ने केशरिया वस्त्र धारण कर जुलूस की शोभा बढ़ाई।
जुलूस मे महिला महासमिति द्वारा पिसनहारी मढिया और चेलना रानी की सुन्दर झांकियां सजाई गई। महिला मंडल द्वारा सोलह स्वपन,अष्ट देवियां, माता त्रिशला का बालक आदिनाथ को लिए विशेष रूप सहित लहराते हुए झंडे,सजी हुई झांकियां,अनेक बैंड बाजों की ध्वनि शोभायात्रा में चार चांद लगा रही थी। अन्य मंडलो ,ग्रुपों ने भी शोभायात्रा में अपनी-अपनी प्रस्तुतिया दी।
श्री जी शोभायात्रा धर्म प्रभावना के लिए प्रात: 7.30 बजे बोहरा कालोनी स्थित नेमिनाथ मंदिर से आदिनाथ मंदिर,पार्श्वनाथ मंदिर, चंद्रप्रभु चैत्यालय पहुंचकर धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हो गयी। जहां आयोजित कार्यक्रमों पश्चात पुनः चंद्रप्रभु चैत्यालय से प्रारंभ होकर भक्तिमय माहौल में पूरे लवाजमे सहित धंटाधर, खिड़की गेट, अजमेरी गेट होते हुए अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची। जहां श्रृदालुओ ने श्री जी का अभिषेक किया।
प्रात: श्री जिनेन्द्र देव का पंडित सुमित जैन के मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक शांतिधारा की गई जिसका सौभाग्य भंवरलाल अमित कुमार टौंग्या नांदसी वाले एवं प्रेमचन्द मनोज कुमार पाण्डया को मिला।
शहर के मार्गों को जैन ध्वज और तोरणद्वारो से सजाया गया।जैन-समाज सहित सभी समाज के श्रृदालुओ ने श्री जी शोभायात्रा का स्वागत पुष्प वर्षा से किया।
दिगम्बर जैन समाज, केकड़ी के प्रचार मन्त्रि नरेश जेन ने बताया कि इससे पूर्व भगवान महावीर जन्मकल्याणक महामहोत्सव का आगाज प्रात: 5.30 बजे चंद्रप्रभु चैत्यालय से शहर में निकाली गई प्रभातफेरी से हुआ।
रात्रि में चंद्रप्रभु चैत्यालय में पाठशाला के नन्हे-मुन्हे बालक- बालिकाओं ने बहुत से कार्यक्रम सहित सुन्दर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
आदिनाथ वाटिका में सेंट्रल अकेडमी के छात्रों न नशामुक्ति पर आधारित रंगकर्मी प्रकाश जोशी के निर्देशन में बहुत ही प्रेरणादायी नाटिका का खुबसुरत मंचन किया ,इसमें धनेश जेन,अशोक राँटा, इंदु मित्तल,ताराचंद जेन,टीकम चन्द जेन सहित अग्रवाल जेन समाज के पदाधिकारियों का सहयोग रहा,तथा अन्य सभी कार्यक्रमो में संजीव शाह, महेन्द्र पाटनी,विनय पाण्डया, धर्मेन्द्र पाण्डया, अनुराग ठोलियां, विनोद पाटनी, सुशील पाण्डया,पारस बज, नरेश जैन सहित अन्य सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।
जेन स्वेताम्बर संघ ने भी महावीर जयंती महोत्सव समारोह पूर्वक मनाया व इस अवसर पर शहर के मुख्य बाजार से शोभायात्रा भी निकाली गई।
