सिन्धी भाषा के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं – जगवानी

उदयपुर। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा स्थानीय हिलटॉप होटल में झूलेलाल सेवा समिति के सहयोग से 20 से 22 जून तक आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन के दूसरे दिन महाराष्ट्र सिन्धी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री गुरूमुख जगवानी ने कहा कि सिन्धी भाषा के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है, अगर उदयपुर सिन्धी पंचायतों के समान हम सब मिलजुल कर कार्य करें तो सिन्धियत सदैव महकती रहेगी और सिन्धी भाषा का अस्तित्व भी बरकार रहेगा।

अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन में दूसरे दिन सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुये छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष श्री अमित जीवन ने सिन्धियत के विकास के लिये राज्य अकादमियों द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुये कहा कि हम परस्पर सहयोग एवं सामन्जस्य से ही सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के उत्थान की योजनाओं पर कार्य कर सकेंगे।

अकादमी अध्यक्ष हरीश राजानी ने अकादमी की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अकादमी परस्पर आपसी सामन्जस्य से पूज्य सिन्धी पंचायतों एवं सिन्धी संस्थाओं के सहयोग से कार्य कर रही है इसका ही नतीजा है कि इस अल्प अवधि में अकादमी ने विकास के नये सोपान स्थापित किये हैं एवं हमें देश की सिन्धी अकादमियों का सहयोग मिलेगा तो हम देशभर में सिन्धियत की एक नई अलख जगायेंगे। उन्होंने राज्य स्तरीय सिन्धी आइडल (गायन) प्रतियोगिता के सफल आयोजना के लिये उदयपुर की पूज्य सिन्धी पंचायतों एवं सिन्धी संस्थाओं का हार्दिक आभार प्रकट किया।
अकादमी सचिव ईश्वर लाल मोरवानी ने बताया कि सम्मेलन में दिल्ली सिन्धी अकादमी की सचिव श्रीमती सिन्धु भाग्या मिश्रा ने दिल्ली अकादमी की उपलब्धियां बताते हुये कहा कि अकादमी की उपलब्धियों को देखते हुये सरकार ने दिल्ली सिन्धी अकादमी का बजट बढाकर 4 करोड़ किया है। यदि हम ईमानदारी से सिन्धियत के विकास के लिये कार्य करेंगे तो सरकार हमें अवश्य सहयोग करेंगी। उन्होंने कहा कि अकादमी दिल्ली में सिन्धी भाषा लेकर आई0ए0एस0 की तैयारी हेतु निरन्तर 4 माह तक निःशुल्क प्रशिक्षण दे रही है एवं इस प्रशिक्षण शिविर में देश के किसी भी हिस्से से प्रशिक्षणार्थी भाग ले सकते है। उन्होंने अकादमियों का आवह्ान किया कि वे अपने प्रदेश के प्रशिक्षणर्थियों को इस शिविर में प्रशिक्षण के लिये प्रेरित करें एवं अकादमी स्तर पर जो भी सहयोग किया जा सकता है सहयोग प्रदान करें।

राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् के निदेशक डा0 रवि टेकचंदानी ने कहा कि इस सम्मेलन हमें ऐसे प्रस्ताव पारित करने होंगे ताकि सरकार सिन्धी भाषा के विकास के लिये तैयार की गई योजनाओं को लागू करने के लिये वाध्य हो जाय, उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से अकादमियों को कार्यक्रम में सहयोग के लिये एक एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर करने होंगे ताकि भविष्य में भी वे योजनायें जारी रह सके।

गुजरात सिन्धी साहित्य अकादमी के सब रजिस्ट्रार डा0जेठो लालवानी ने विचार व्यक्त करते हुये बताया कि गुजरात अकादमी का बजट मात्र 13 लाख होने के बाद भी अकादमी द्वारा वयोवृद्ध सिन्धी साहित्यकारों को 5000 मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है अन्य अकादमियों को भी इस प्रकार की योजना अपने यहां लागू करने पर विचार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि गुजरात सिन्धी अकादमी पहली ऐसी अकादमी है जिसने सर्वप्रथम सिन्धी लेखिका सम्मेलन का आयोजन किया।

मध्य प्रदेश सिन्धी साहित्य अकादमी के निदेशक श्री राजेन्द्र प्रेमचंदानी ने कहा कि राज्य सरकार से उन्हें अनुमति प्राप्त है कि सिन्धी भाषा व संस्कृति के विकास के लिये अकादमी देश में कहीं भी कार्यक्रम कर सकती हैं, इसके लिये उन्हें राज्य सरकार से हर संभव सहयोग भी मिलता है। उन्होंने कहा कि अकादमी द्वारा सिन्धी राष्ट्रभक्ति गीत प्रतियोगिता, युवा पाठक मंच, सिन्धी फिल्मों का प्रदर्शन, सिन्धी महोत्सव जैसे कई महत्वकांक्षी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

(ईश्वर लाल मोरवानी)
सचिव

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