नमस्कार मित्रों….
सबसे पहले तो आपको कारगिल विजय की हार्दिक बधाई ….
दोस्तों हम कारगिल विजय के दिन को याद करते है जगह जगह पुष्पार्पण करते है मौन रखते है, वह सब कुछ करते है जो अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करने के लिए हम कर सकते है और अच्छा है इस से हमारी नयी पीढ़ी को भी ये ज्ञात होता है की हमारे सैनिकों ने अपनी क़ुरबानी और शौर्य के दम पर कारगिल में विजय दिलवाई… इस से सेना का मनोबल भी बढ़ता है जब वो देखते है की देशवासी उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करते है….
लेकिन एक बात जो समझने की है वो ये है की ये कारगिल में शहीद हुए सैनिकों में वो कौनसा जज्बा या बात थी की वो दुश्मन की गोली के सामने भी सीना ताने खड़े रहे… वो लोग भी हम ही लोगों के परिवारों के लोग थे उनके भी माता पिता भाई बहन पत्नी बच्चे सभी कुछ था जीवन से प्रेम उन्हें भी था किन्तु उन्हें इन सब से बढ़कर अपने देश से प्रेम था…. यदि हम सभी आज ये प्रण लें की आज के बाद हम ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे जिससे हमारे देश का मस्तक निचा हो, हम किसी को रिश्वत अब नहीं देंगे और मांगने वाले की खिलाफ लड़ेंगे चाहे हमारा काम ही क्यूँ न ख़राब हो जाये, आज के बाद हम कभी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किसी गलत व्यक्ति का साथ नहीं देंगे, आज के बाद हम जातिवाद नहीं करेंगे… आज के बाद हम किसी धर्मविशेष का विरोध नहीं करेंगे… आज के बाद हम संविधान में बताये अपने अधिकारों के साथ अपने मौलिक कर्तव्यों का भी निर्वाह पूरी ईमानदारी से करेंगे तो मैं समझता हूँ की हम वास्तव में अपने देश के शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगें…
शत शत नमन
जय हिन्द
त्रिवेन्द्र कुमार पाठक
अध्यक्ष, अजमेर यूथ
9782008304