शिक्षक ही भाषा के साथ संस्कार का कार्य करते है – आहूजा

शिक्षक दिवस पर आयोजित संगोष्ठी व सम्मान समारोह
9 सितम्बर, 2018- राष्ट्रीय सिन्धी भाषा परिषद की ओर से भारतीय सिन्धु सभा के सहयोग से शिक्षक दिवस पर आयोजित संगोष्ठी व सम्मान समारोह में सिन्धुरत्न विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने सम्बोधित करते हुये कहा कि शिक्षक का सम्मान एक गौरवमयी क्षण है जो मोमबती की तरह अपने को जलाकर समाज को रोशन करता है। शिक्षक ही भाषा के साथ संसकार देने की सेवा भी करता है जिससे समाज में राष्ट्रभक्ति बढती है। आज आवश्यकता है हमें शिक्षकों को सम्मान करते हुये शिक्षा से सभी वर्गों को जोडे। इस अवसर पर सभा के मार्गदर्शक माननीय कैलाशचन्द ने कहा कि शिक्षकों के सहयोग से ही सिन्धु सभा के बाल संस्कार शिविर सफल हो सके है और आवश्यकता है कि निरंतर संस्कार शालाओं का भी आयोजन हो। म.द.स. विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मोहनलाल छीपा ने कहा कि भाषा का सम्मान करते हुये पहला सिन्धु शोधपीठ अजमेर में स्थापित करवाया गया था जिसमें भारतीय सिन्धु सभा की महत्वपूणर््ा भूमिका रही।
प्रदेशाध्यक्ष व एनसीपीएल सदस्य मोहनलाल वाधवाणी व अध्यक्षता कर रहे प्रो. लाल मोराणी व संरक्षक लेखराज माधू ने विचार प्रकट करते हुये कहा कि शिक्षक ही समाज के मार्गदर्शक है शिक्षकों द्वारा सभ्य समाज की स्थापना की जाती है। इस अवसर पर सर्वश्री गंगाराम ईसराणी, हेमनदास मोटवाणी, रमेश केवलाणी, श्रीमति शांन्ति सुखवाणी, श्रीमति हिना सामनाणी का विशेष सम्मान शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सममानित किया गया। विभिन्न स्कूलों में उत्कृष्ठ सेवा करने वाले सभी शिक्षकों का भी सम्मान किया गया।
राष्ट्रभक्ति गीत शिवकुमार ने प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण सभांग प्रभारी हीरलाल तोलाणी व आभार अध्यक्ष डॉ. कैलाश शिवलाणी ने प्रकट किया। मंच का सफल संचालन श्री नवलकिशोर गुरनाणी ने किया। सामूहिक राष्ट्रगान से समापन किया गया।

(डॉ. कैलाश शिवलाणी)
सादर प्रकाशनार्थ जिलाध्यक्ष,
मो. 9928512784

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