प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती

दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और लगन से किसी भी मंज़िल को पाया जा सकता है, एवं कोई भी बाधा प्रतिभा को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।”इस कथन को सिद्ध किया है अत्यंत प्रतिभाशाली नौ वर्षीय नेत्रहीन दिव्यांग बालक पार्थ सांघी ने। बालक पार्थ सांघी 100% नेत्रहीन दिव्यांग है लेकिन उन्होंने अपनी इस शारिरिक कमी को क़भी भी आड़े नहीं आने दिया।। अपनी दिव्यांगता की सारी बाधाओं को लाँघकर बालक पार्थ बचपन से ही शैक्षणिक, सहशैक्षिक गतिविधियों में अपना परचम लहराते रहे हैं। ये अपने विद्यालय में अपनी कक्षा में भी प्रथम स्थान पर रहते हैं। ये अपनी पढ़ाई कंप्यूटर एवं ब्रेल लिपि से करते हैं। मंच पर भी अपनी प्रस्तुति बखूबी से देते हैं। उन्हें वर्ष 2017-18 में “सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग बालक” का राज्यस्तरीय सम्मान एवं पुरस्कार एवं 2018 दिसंबर में “सर्वश्रेष्ठ सृजनशील दिव्यांग बालक” का राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा दिया मिला है, और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2019 को भी सम्मानित किया गया है। बालक पार्थ सांघी केन्दीय विद्यालय द्वारा भी सम्मानित किए जाते हैं,एवं पुरस्कार प्राप्त करते रहते हैं, साथ ही लायंस क्लब द्वारा तथा अनेक अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी समय – समय पर सम्मानित होते रहते हैं।। इतनी कम उम्र में उनके इस बेहतरीन एवं अदभुत प्रदर्शन एवं होंसले को सभी सलाम करते हैं तथा इनसे प्रेरणा लेते हैं, सचमुच ये हमारे देश में एक “मिसाल” के रुप में जाने जाने लगे हैं
Pankaj Sanghi
Father Of Parth Sanghi
(M)+91 94140 07645

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