मनुष्य के बीमार होने का प्रमुख कारण है उसमें नकारात्मकता का आ जाना है ।क्रोध,मान,माया,मोह,लोभ,राग,द्वेष आदि नकारात्मकता में गिने जाते हैं । बच्चा जब पैदा होता है तब उसमें नकारात्मकता लेश मात्र भी नहीं होती है लेकिन ज्यों ज्यों वह बड़ा होता है तब उसमें नकारात्मकता आने लग जाती है । और वह बीमार रहने लगता है ।रेकी सकारात्मक उर्जा है जिसे अगर शरीर में पहुँचाया जाए तो नकारात्मकता बाहर निकल जावेगी और शरीर स्वस्थ हो सकेगा ।
रेकी एक जापानी शब्द है । रे का अर्थ है सर्व व्यापी एवं की का अर्थ है प्राण शक्ति , यानि सर्व व्यापी प्राण शक्ति ।
यही शक्ति चक्रो के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती है और हमें स्वस्थ रखती है ।रेकी सकारात्मक उर्जा होने से शरीर में जा चुकी नकारात्मकता को बाहर करने में सक्षम है किन्तु नकारात्मकता के कारण शिथिल हो चुके चक्रो से आवश्यकतानुरूप उर्जा नहीं पहुँच पाने पर हथेलियों के माध्यम से रेकी अर्थात सकारात्मक उर्जा पहुँचा कर मनुष्य स्वस्थ रह सकता है ।
रेकी सीखना बहुत आसान है । मात्र एक दिन में किसी योग्य रेकी मास्टर के पास जाकर रेकी सीखी जा सकती है । रेकी सीखने के बाद सकारात्मक उर्जा हथेलियों के माध्यम से शरीर में पहुंचाई जा सकती है और उर्जा असंतुलन दूर किया जा सकता है ।
मदनलाल बाफना
रेकी ग्राण्ड मास्टर अजमेर