17. आध्यात्मिक इन्सान बने | निरंतर मेडीटेसन का अभ्यास करें | मूखों से वादविवाद और तर्कवितर्क करने से बचे | अपने आत्मसम्मान से कोई समझोता नहीं करें किन्तु आत्मअभिमानी भी नहीं बनें |
18. स्वाभिमान के साथ जीये| अपने निकटम परिचीतों एवं स्वजनों की भावनाओं,आवश्यकताओं का ध्यान रक्खें,उनकी अनदेखी नहीं करें |
19.डर के साये में नहीं जीये, डर आदमी की प्रगति और उन्नति में सबसे बड़ी बाधा है |
20.शक और शंका करने की आदत को छोड़े, क्योंकि हकीम लुकमान के पास भी शक की कोई दवा नहीं है
डा. जे. के. गर्ग