-डॉ. प्रभात कुमार सिंघल-
जयपुर। प्रगति, समृद्घि, आशा और विश्वास का उजाला लेकर आये वर्तमान सरकार के बीते हुए चार साल। उदयपुर जिले में कोई भी क्षेत्र प्रगति और समृद्घि से अछूता नहींं रहा और जन कल्याणकारी योजनाओं से निर्धनों, कमजोर तबके, असहाय, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक कल्याण एवं पिछड़े वर्गो में आशा और विश्वास का संचार हुआ। फ्लेगशिप कार्यक्रमों का भरपूर लाभ जिले के नागरिकों को मिला। बीपीएल परिवार के एक लाख 96 हजार 655 तथा स्टेट बीपीएल के 94 हजार 848 परिवारों को प्रति माह 2 रुपये प्रति किलो की दर से 25 किलोग्राम गेंहू का लाभ मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना में मिल रहा है। जिले के 76 हजार से अधिक बीपीएल परिवार की महिलाओं के नाम मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना में पक्के आशियाने मिले।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना का लाभ बड़ी संख्या में लोगों को मिला। सुरक्षित प्रसव की जननी-शिशु सुरक्षा योजना व पूर्व से संचालित जननी सुरक्षा योजना को मिलाकर एक लाख 29 हजार गर्भवती महिलाओं व 14 हजार 397 शिशुओं को नि:शुल्क दवा, 74 हजार 788 गर्भवती महिलाओं व 9 हजार 195 बच्चों को नि:शुल्क जांच तथा 69 हजार 645 प्रसूताओं को नि:शुल्क भोजन का लाभ मिला। मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष योजना का लाभ 8.83 लाख बीपीएल रोगियों ने प्राप्त किया, जिनके इलाज पर 17.67 करोड़ रुपये व्यय किए गए। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत फ्लेगशिप कार्यक्रमों सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर 108 करोड़ 89 लाख रुपये व्यय किए गए। आयुर्वेद विभाग द्वारा 32 लाख से अधिक रोगियों का उपचार कर लाभान्वित किया गया।
पेंशन योजनाओं का लाभ 63 हजार 181 वृद्घजनों, 10 हजार 958 विधवाओं एवं 8 हजार 288 नि:शक्तजनों को मिल रहा हैं। आम जन के कार्य सुगम, त्वरित एवं समय पर किए जाने की लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम-2011 के तहत 4 लाख 97 हजार 961 प्रकरणों का समयबद्घ रूप से निस्तारिण किया गया।
ब्याज मुक्त रबी ऋण अभियान का लाभ जिले के 13 हजार 701 काश्तकारों ने उठाया जिन्हें 24.20 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराए गए। सहकारिता विभाग द्वारा जिले में 549 करोड़ 62 लाख 53 हजार रुपये के ऋण उपलब्ध कराए गए। पशुधन की सुरक्षा हेतु लागू मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण योजना में 86 हजार से अधिक पशुओं को नि:शुल्क दवा वितरण कर 27 हजार से अधिक पशुपालकों को लाभान्वित किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में जरुरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की मनरेगा योजना से 522.07 लाख मानव श्रम दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया। योजना में 58 हजार से अधिक कार्य पूर्ण कराए गए तथा वर्तमान में 11 हजार से अधिक कार्य प्रगति पर चल रहे हैं। योजना पर कुल 754.21 करोड़ रुपये व्यय किए गए। जिले की 11 पंचायत समितियों एवं 467 ग्राम पंचायतों पर राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के निर्माण का कार्य पूर्ण कर 333 में मिनी बैंक प्रारंभ किए गए।
शिक्षा विकास की प्रवृतियों पर सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से 482 करोड़ 45 लाख रुपये व्यय किए गए। कक्षा 9 से 12 तक 95 हजार से अधिक विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें वितरित की गई। जिले में 5627 बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिलें, 19 को स्कूटी तथा 36.79 लाख से अधिक विद्यार्थियों को ट्रांसपोर्ट बाउचर योजना से लाभान्वित किया गया और 1859 छात्रों को गार्गी पुरस्कार, 33 को इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार तथा 4085 को इन्सपायर अवार्ड से सम्मानित किया गया। प्रारंभिक शिक्षा में 13 लाख से अधिक नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। आपकी बेटी योजना में 49 छात्राओं को लाभान्वित किया गया।
सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम में 21.63 करोड़ रुपये व्यय कर 77 हजार 596 चयनित परिवारों के घरों सहित 1696 विद्यालयों एवं 486 आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालयों का निर्माण कराया गया। पंचायत समिति गोगुन्दा की पंचायत चोरबावड़ी एवं पड़ावलीखुर्द तथा पंचायत समिति सराड़ा की पंचायत इन्टली को निर्मल ग्राम पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इंदिरा आवास योजना के तहत 9876 इंदिरा आवासों के निर्माण पर 44.56 करोड़ रुपये व्यय किए गए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 498.12 करोड़ रुपये व्यय कर 857 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया। राजीवगांधी विद्युतीकरण योजना में 82,582 बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देने के साथ-साथ 227 गांवों एवं 868 ढाणियों का विद्युतीकरण किया गया। विद्युत तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 47.43 करोड़ रुपये की योजना क्रियान्विति की जा रही हैं। विद्युत विस्तार की दृष्टि से 7,435 कृषि कनेक्शन जारी किये गये तथा 223 फीडर के नवीनीकरण का कार्य पूर्ण किया गया। ग्राम पंचायत विद्युत वितरण योजना में स्वीकृत 33/11 के.वी. के 76 सब स्टेशनों के निर्माण के तहत अब तक 41 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
मिड-डे-मील कार्यक्रम से जिले के 4,341 विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत बालक-बालिकाओं को औसतन प्रतिदिन 2.60 लाख को पोषाहार से लाभान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 654.14 लाख रुपये व्यय किये गये। पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम के अन्तर्गत 3682 स्वीकृत कार्यो में से 3157 पूर्ण कर 84.37 करोड़ रुपये व्यय किये गये।
जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा बजट का 13 प्रतिशत व्यय सुनिश्चित किया जा रहा है। वर्ष 2012-13 के लिए 4216.84 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो कुल योजना का 12.72 प्रतिशत है। जनजाति क्षेत्र में वनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत 32 हजार से अधिक जनजाति व्यक्तियों को व्यक्तिगत एवं 53 को सामुदायिक अधिकारपत्र जारी कर लाभान्वित किया गया। जनजातियों के उत्थान के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई।
राज्य के प्रमुख प्रतिष्ठान राजस्थान राज्य माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड द्वारा 4564 करोड़ 53 लाख 64 हजार रुपये का सकल व्यवसाय किया गया जिससे प्रतिष्ठान को 1003.97 करोड़ का शुद्घ लाभ हुआ। संस्थान द्वारा 43.13 लाख मैट्रिक टन रॉक फास्फेट,128.13 लाख मैट्रिक टन जिप्सम, 113.68 लाख मैट्रिक लाईम स्टोन एवं 41.19 लाख मैट्रिक टन लिग्नाईट का उत्पादन किया गया। संस्थान को 21 नवम्बर 2012 को बाड़मेर स्थित गिरल लिग्नाईट खदान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
खान एवं भू-विज्ञान विभाग द्वारा 7821 करोड़ 47 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया तथा 1 प्रतिशत राशि सम्बन्धित पंचायतों को देने के लिए जिला परिषदें को उपलब्ध कराई गई। खनिज आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य में 12 वृहद सीमेंट प्लांट की स्थापना हेतु खान आवंटन की कार्यवाही की जा रही है। विभाग द्वारा 3501 खनन पट्टे स्वीकृत किये गये।
ओद्योगिक विकास की दृष्टि से एम.एस.एम.ई. एक्ट के अन्तर्गत 2715 नई इकाइयों का पंजीयन कर 18290 को रोजगार उपलब्ध कराया गया। आई.सी.आई.सी.आई. ग्रामीण उद्यमिता प्रशिक्षण संस्थान द्वारा बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण से दक्षता विकास कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु 135 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 7 हजार युवाओं को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त 4 हजार से अधिक युवाओं ने अपना स्वरोजगार प्रारम्भ कर दिया है।
सड़कों के निर्माण,सुदृढी़करण,डामरीकरण आदि कार्यो पर सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा 68.57 करोड़ व्यय कर 680 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया गया।
उदयपुर को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए देवास परियोजना के प्रथम दो चरणों का कार्य पूर्ण कर 11.12 किलोमीटर लम्बी मुख्य सुरंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। तीसरे व चोथे चरण के सर्वेक्षण कार्य के लिए 79 लाख रुपये स्वीकृत किये गये हैं। योजना पर अब तक 308.17 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है। परियोजना से वर्ष 2012 के मानसून काल में करीब 80 मिलीयन घनफीट पानी पिछोला झील में लाने में सफलता प्राप्त की गई है। उदयपुर शहर की 55 करोड़ रुपये की पुनर्गठित जल वितरण योजना पूर्ण की गई जिसका लाभ मिलना प्रारम्भ हो गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर 44.12 करोड़ व्यय किए गए।
रविन्द्र नाथ टेगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय से सम्बद्घ चिकित्सालयों के विभिन्न विभागों में सुविधा विकास की दृष्टि से 21.16 करोड़ रुपये के उपकरण क्रय किये गये। भवनों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण कार्यो पर वर्ष 2011-12 में करीब 5 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई। बड़ी में 30 लाख रुपये से टीबी हास्पिटल के आईसीयू वार्ड तथा 30 लाख रुपये से सेमीनार भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस चिकित्सालय के लिए 1 करोड़ रुपये के उपकरण क्रय किये गये हैं।
समेकित बाल विकास परियोजना के माध्यम से 14 बाल विकास योजनाओं में 2741आंगनबाड़ी केन्द्र तथा 351 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित कर 2.83 लाख बच्चों को पूरक पोषाहार एवं 64 हजार से अधिक बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा से लाभान्वित किया गया। राजीव गांधी किशोरी बालिका सशक्तीकरण योजना ”सबला” के तहत किशोरी बालिकाओं को घर ले जाकर उपयोग करने के लिए पोषाहार क पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत 29.05 करोड़ व्यय किए गए। छात्रवृति योजनाओं के तहत अनुसूचित जाति के 14 हजार 461, जनजाति के 25 हजार 391 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के 687 छात्र-छात्राओं को उत्तर मैट्रिक छात्रवृति से लाभान्वित किया गया। साथ ही 1051 नि:शक्त छात्र-छात्राओं को भी छात्रवृति सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है। विभाग की महत्वपूूर्ण पालनहार योजना में 5049 पालनहारों को 4.47 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। सहयोग योजना से बीपीएल परिवार की 421 पुत्रियों के विवाह, अत्याचार से पीडि़त अनुसूचित जाति व जनजाति के 182 व्यक्तियों, नि:शक्तजन विवाह योजना से 122 को, विधवा पुत्री के विवाह योजना से 135 को तथा विश्वास योजना से स्वरोजगार प्रारम्भ करने के लिए 62 को लाभान्वित किया गया।
विकास की नई कल्पना
उदयपुर में राजीव गांधी जनजाति विश्व विद्यालय की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान। केन्द्र सरकार के सहयोग से उदयपुर में जनजाति खेल अकादमी की पांच करोड़ रुपये से स्थापना। अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए उदयपुर में एक महाविद्यालय स्तर के छात्रावास का निर्माण। अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए जिला मुख्यालय पर एक बहुउद्देशीय छात्रावास का निर्माण। 988 करोड़ रुपये की जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना के 17 जिलों में उदयपुर जिले का भी चयन। जिले के खेरवाड़ा ब्लॉक में धनलक्ष्मी महिला समृद्घि केन्द्र की स्थापना। अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं के लिए उदयपुर में 50 बालिका क्षमता वाले छात्रावास का संचालन। उदयपुर में स्थित मानसिक विमंदित पुनर्वास गृह की क्षमता को 50 से बढ़ाकर 100 किया जाएगा।
राजस्थान जनजाति क्षेत्रीय विकास सहकारी संघ के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर जनजाति के 6 हजार युवाओं को स्वरोजगार हेतु 10 हजार रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अन्तर्गत सुमेरपुर-पाली में कृषि महाविद्यालय की स्थापना। खेरवाड़ा महाविद्यालय में बीएड पाठ्यक्रम की सुविधा। देवास परियोजना के तीसरे व चौथे चरण का सर्वेक्षण। उदयपुर खनन क्षेत्र में माइनिंग सड़कों का बीओटी पद्घति पर निर्माण। रविन्द्र नाथ टेगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में इमरजेंसी मेडिसन की यूनिट तथा फिजीकल मेडिसन एण्ड रिहेबीलिटेशन विभाग की स्थापना। सालेश्वर महादेव जयसमंद को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना। फुलवारी की नाल उदयपुर एवं घूमर बावड़ी का ईको-टूरिज्म के रूप में विकास। लसाडिय़ा,़ऋषभदेव एवं गिर्वा में नये तहसील भवनों का निर्माण। उदयपुर में सायरा,नयागॉव, सेमारी एवं फलासिया में नयी उप तहसीलें प्रस्तावित। कलेक्ट्रेट एवं जिला परिषद् परिसरों में 50-50 लाख से सेवा केन्द्रों का निर्माण।