गहलोत ने किया सुजस के विशेषांक का लोकार्पण

जयपुर। मुख्यमंत्राी अशोक गहलोत ने बुधवार को यहां मुख्यमंत्राी निवास पर राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित प्रचार साहित्य एवं सुजस के विशेषांक का लोकार्पण किया।
श्री गहलोत ने प्रकाशन के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार 13 फ्लैगशिप योजनाएं लागू की हैं जो लोगों की जिंदगी की राह को आसान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने नया राजस्थान बनाने का संकल्प लिया जिसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।
श्री गहलोत ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा ‘सफलता के चार वर्ष- महत्वपूर्ण निर्णय एवं उपलब्धियां’ पुस्तक तथा ‘नया राजस्थान – प्रगति, समृद्धि और विश्वास (फोल्डर)’ शीर्षक से प्रकाशित विकासात्मक साहित्य को राज्य सरकार की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों और विशेषकर फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
ऊर्जा एवं जनसम्पर्क मंत्राी डॉ जितेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्राी को वर्तमान राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर विभाग द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर आयोजित विकास प्रदर्शनी, विचार संगोष्ठी तथा प्रिंट एवं इलेट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से लोक कल्याण की उपलब्धियों की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री सी. के. मैथ्यू, पुलिस महानिदेशक श्री हरीश मीना, अतिरित मुख्य सचिव (गृह) श्री अशोक सम्पतराम, प्रमुख शासन सचिव सूचना एवं जनसम्पर्क श्री राजीव स्वरूप, प्रमुख शासन सचिव सामान्य प्रशासन श्री सी. एम. मीणा, मुख्यमंत्राी के प्रमुख सचिव श्री श्रीमत पांडे, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री गोविन्द शर्मा, मुख्यमंत्राी के सचिव श्री रजत मिश्र, वित्त विभाग के सचिव श्री अखिल अरोड़ा, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक श्री लोकनाथ सोनी, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अतिरित निदेशक श्री गोपाल शर्मा, उपनिदेशक मुख्यमंत्राी जनसम्पर्क श्री फारूख आफरीदी, सहायक निदेशक श्री किशन कुमार व्यास, सुजस की सम्पादक श्रीमती पुष्पा गोस्वामी, सुजस के सीनियर आर्टिस्ट श्री विनोद शर्मा उप संपादक श्री गणपत नारनोलिया, श्री आलोक आनंद एवं अन्य उपस्थित थे।

सितारवादक पं. रवि शंकर के निधन पर शोक व्यक्त
जयपुर। मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सितार वादक भारत रत्न पं. रवि शंकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
श्री गहलोत ने अपने संवेदना संदेश में कहा कि उनके सितार वादन में परम्परा के साथ-साथ आधुनिकता का समावेश था। उन्होंने अपने हुनर से भारतीय संगीत एवं संस्कृति की पहचान दुनिया भर में स्थापित करने में उल्लेखनीय योगदान दिया। शास्त्राीय संगीत के क्षेत्रा में अपनी सुदीर्घ यात्रा के दौरान पं. रवि शंकर ने सितारवादन को नई ऊंचाईयां प्रदान की। उन्होंने फिल्मों में भी अपने सुमधुर संगीत से संगीतप्रेमियों का मनोरंजन किया। उन्होंने राजस्थान में भी अनेक कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए सितार वादन किया तथा यहां के संगीत रसिक श्रोताओं को शास्त्राीय राग-रागनियों की बारीकियों से अवगत कराते हुए भाव-विभोर किया।
मुख्यमंत्राी ने कहा कि शास्त्राीय संगीत के क्षेत्रा में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद किया जायेगा। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिवारजन को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

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