आधार कार्ड मैजिक स्कीम: चिदम्बरम

केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने शनिवार को राजस्थान के अलवर जिले में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना की समीक्षा की वहीं नीमराना फोर्ट में देश-विदेश के अर्थशास्त्रियों के साथ देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था पर विचार-विमर्श किया।

चिदम्बरम ने इस चर्चा में बेरोजगारी दूर करने के उपायों को लेकर भी विमर्श किया। डायरेक्ट कैश स्कीम की समीक्षा करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि देश दुनिया में आर्थिक परिवर्तन हो रहे हैं। आर्थिक सुदृढ़ीकरण व गरीब व्यक्ति को उसका हक मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने अनेक सुधारात्मक कदम उठाये हैं।

बैंक अधिकारियों व योजना से सीधे रूप से जुडे़ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में आये दिन हर क्षेत्र में परिवर्तन हो रहे हैं, विशेष रूप से आर्थिक रूप से आये परिवर्तनों के कारण सरकार को ठोस कदम उठाने पड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि स्व.राजीव गाँधी ने एक बार कहा था कि सरकार गरीब की मदद व गाँव के विकास के लिए यदि एक रुपया जारी करती है तो अन्तिम व्यक्ति तक वह 15 पैसे के रूप में उस तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि उस अन्तिम व्यक्ति तक उसका पैसा कैसे पहुंचे इसके लिए लगातार आर्थिक आधारों पर आये सुझावों के तहत डायरेक्ट कैश उसके खाते में जमा कराने का निर्णय लिया गया हैं।

उन्होंने कहा कि एक जनवरी 2013 से 51 जिलों में यह योजना लागू की जा रही हैं जो सरकारें व वहाँ के अधिकारी इसे लागू करना चाह रहे हैं। वहां इस तरह की योजना लागू की जा रही हैं। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की सभी वर्गो के लिए अच्छी योजनाएं हैं लेकिन इन योजनाओं का पूरा लाभ उसे नहीं मिल पा रहा है। सरकार की ओर से दी जाने वाली कैश राशि सही व्यक्ति के हाथों में पहुंचें इसके लिए यह क्रान्तिकारी कदम उठाया गया है।

उन्होंने सिस्टम का दोष बताते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति अलग-अलग दोहरे फायदे भी उठा लेता था, लेकिन आधार कार्ड व डिजीटल लिस्टें बनने के बाद वह ऐसा नहीं कर पायेगा। उन्होंने योजना का लाभ बताते हुए कहा कि अब बैंक एवं अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की गई है कि योजना का लाभ गलत व्यक्ति के हाथों में नहीं पहुंचें। उन्होंने आधार कार्ड को एक मैजिक स्कीम बताया। बैंक अधिकारियों को शून्य बैलेंस में खाता खोलने के निर्देश देते हुए चिदम्बरम ने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय तक बैंक की पहुंच व्यक्ति को मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे है।

उन्होंने कहा कि विकल्प के तौर पर फिलहाल गांव में बैंक अपने फैसलिटेटर, पोस्ट ऑफिस,पंचायत एजेंट हो सकते हैं । इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने उमरैण ब्लॉक के ग्राम बीजवाड नरुका में पहुंच कर राजस्थान ग्रामीण बैंक की अल्ट्रा स्माल शाखा का उद्घाटन किया। यह शाखा कम आबादी वाले क्षेत्र के लोगों को बुनियादी बैंक की सेवाएं उपलब्ध कराने का कार्य करेंगे। इस शाखा के माध्यम से सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की सहायता राशि का लाभ लाभार्थी को इन्हीं खातों के माध्यम से नकद राशि आहरण के बाद मिलेगा। उन्होंने इस अवसर पर एचएसटी मशीन से बुजुर्ग महिला चमेली व सीताराम के खातों की जानकारी ली और उनके द्वारा पैसे निकालने की कार्य प्रणाली को भी बारीकी से देखा।

चिदम्बरम ने वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों के कृषि कार्यो के लिए सरल रूप से ऋण उपलब्ध करायें तथा उनकी जमीन की डीएलसी दर के आधार पर गणना करके 95 प्रतिशत तक कृषि गतिविधियों के लिए ऋण उपलब्ध करायें।

चिदम्बरम ने दुनिया के एक सौ अर्थशास्त्रियों के साथ भी देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था, युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने को लेकर विचार-विमर्श किया। आईसीआरआईईआर के तत्वाधान में नेशनल कांसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनोमिक रिसर्च तथा नेशनल ब्यूरो ऑफ इकॉनोमिक रिसर्च के बीच तीन दिवसीय कांफ्रेंस में योजना आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. मोंटेक सिंह आहलुवालिया, अमेरिकी अर्थशास्त्री मार्टिन फलस्टिन, अर्थशास्त्री एवं सांसद एन.के. सिंह, आधार कार्ड की संरचना करने वाले नन्दन नीलेकणि, उड़ीसा के सांसद विजय पांडा, शेखर सोम, प्रमोद भसीन, केपी कृष्णन, रजत कथुरिया, रघुराम राजन, यूके सिंह, डेनियल फिटर एंड हैडी विलियम्स शामिल हुए।

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